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Thursday, 31 October, 2024
होमदेशफैज़ के खिलाफ शिकायत करने वाले आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर 'लव जिहाद' के आलोचक हैं और गौ रक्षक के 'प्रस्तावक'

फैज़ के खिलाफ शिकायत करने वाले आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ‘लव जिहाद’ के आलोचक हैं और गौ रक्षक के ‘प्रस्तावक’

वशी मंत शर्मा का कहना है कि वह किसी विशेष विचारधारा के हिमायती नहीं हैं, लेकिन उन्होंने 'हम देखेंगे ’गाने वाले छात्रों के खिलाफ शिकायत की क्योंकि फ़ैज़ पाकिस्तानी थे.

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नई दिल्ली: आईआईटी कानपुर के जिस प्रोफेसर ने फ़ैज़ कि नज़्म ‘हम देखेंगे‘ गाने वाले छात्रों के खिलाफ पिछले महीने शिकायत दर्ज की है वो पहले भी अपने ‘लव जिहाद’ और मुस्लिम विरोधी ट्वीट्स के जरिए खबरों में आ चुके हैं.

गाज़ियाबाद के रहने वाले 32 वर्षीय वशी मंत शर्मा आमतौर पर लव जिहाद से लड़ने के तरीके बताते रहते हैं. गौ रक्षा के हिमायती शर्मा अग्निवीर नाम की एक संस्था से जुड़े हैं जो ‘ऑनलाइन और वास्तविक जगत में वैदिक धर्म के प्रचार और झूठ के प्रपंच को तोड़ने’ का दावा करती है.

वेबसाइट पर शर्मा को ‘विश्व प्रख्यात ऊर्जा वैज्ञानिक और इस्लामिक आतंकवाद और कट्टरपंथ विरोध का विशेषज्ञ’ बताया गया है.’

शर्मा आईआईटी कानपुर में 2016 से भारत सरकार की इंस्पायर स्कीम के तहत पढ़ा रहे हैं. इस स्कीम के अंतर्गत पांच साल तक अपने चुने हुए संस्थान में पढ़ा सकते हैं.

मुस्लिम विरोधी किए हैं कई ट्वीट

अग्नीवीर की ओर से यूट्यूब पर ऐसी वीडियो भी डाली गईं हैं जिनमें शर्मा लव जिहाद के बारे में समझा रहे हैं. ऐसी ही एक वीडियो में वो ये भी कह रहे हैं कि हमारे पास ऐसे अच्छे लड़के हैं जो ‘दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी करके उन्हें मुक्त करा रहे हैं और धर्म के रास्ते पर वापस ला रहे हैं.’

‘ प्रेमियों के लिए लिटमस टेस्ट ‘ नाम के एक आर्टिकल में शर्मा ने मार्गदर्शन के लिए ऐसे प्रश्न लिखे हैं जिनसे पता चल जाए कि ‘ आपका प्रेम सच्चा है या सिर्फ जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाने का एक ज़रिया’. ऐसे ही एक अन्य आर्टिकल में शर्मा रोहिंग्या मुसलमानों और पाकिस्तानी हिंदुओं के बीच के फर्क को बता रहे हैं, वहीं कुछ वीडियो में वो दलित उत्थान की भी बात करते नजर आते हैं.

वेबसाइट के मुताबिक शर्मा ने ‘ मुग़ल – हवस के शैतान ‘, ‘ एक्सपोसिंग ज़ाकिर नाईक ‘ और ‘ इंडियन मुस्लिम – चिल्ड्रेन ऑफ इंडिया ओर स्लेव ऑफ अरब ‘ जैसी किताबें भी लिखी हैं.

शर्मा के ट्वीट्स से भी उनके मुस्लिम – विरोधी विचारधारा की झलक नजर आती है. 11 जनवरी 2019 को शर्मा ने ट्वीट किया था कि ‘अगर आपकी मां और बहन ने जींस पहनना छोड़ दिया है, वो अकेले में मेडिटेशन करती हैं और साथ ही अजीब तरह के इत्र लगाती हैं, तो वो मुस्लिम झांसे में हैं.’

फ़ैज़ के खिलाफ क्योंकि वो पाकिस्तानी है

आईआईटी बॉम्बे से अपनी मास्टर्स और पी एच डी करने वाले शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने नागरिकता कानून के विरोध के समय छात्रों के फ़ैज़ की कविता गाए जाने को लेकर आपत्ति जताई थी क्योंकि फ़ैज़ पाकिस्तानी शायर हैं.

‘उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कोई कविता क्यों नहीं गाई? हमारे भारत में भी कवि हैं’, शर्मा ने कहा.

शर्मा ने कहा, उन्होंने ये भी बताया कि कविता में ‘बस नाम रहेगा अल्लाह का’ सुनकर उन्हें ठेस पहुंची , वहां राम का नाम भी हो सकता था.’

शर्मा ने बताया कि उनके दादाजी स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं और किसी विशिष्ट विचारधारा में विश्वास नहीं करते.

‘मैं आर एस एस या बी जे पी से जुड़ा हुआ नहीं हूं. मैं अपनी रीसर्च खुद करता हूं और अपने विचार खुद बनता हूं.’ उन्होंने दिप्रिंट को बताया.

नागरिकता कानून पर शर्मा ये कहना है कि जब विभाजन के बाद पाकिस्तान के 22 प्रतिशत हिन्दू सिर्फ 2 प्रतिशत रह गए हैं, ऐसे में कानून सही है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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