scorecardresearch
मंगलवार, 22 अप्रैल, 2025
होमदेशवेंस ने भारत से गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने, अधिक अमेरिकी ऊर्जा, सैन्य हार्डवेयर खरीदने का आग्रह किया

वेंस ने भारत से गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने, अधिक अमेरिकी ऊर्जा, सैन्य हार्डवेयर खरीदने का आग्रह किया

Text Size:

(मानस प्रीतम भुइयां)

जयपुर, 22 अप्रैल (भाषा) अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मंगलवार को भारत से गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने, अपने बाजारों तक अधिक पहुंच देने तथा अधिक अमेरिकी ऊर्जा उत्पाद और सैन्य हार्डवेयर खरीदने का आह्वान किया। उन्होंने समृद्ध और शांतिपूर्ण 21वीं सदी के लिए दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।

राजस्थान की राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वेंस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बार-बार प्रशंसा की और उन्हें एक ‘‘विशेष व्यक्ति’’ बताया तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के एकजुट होकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘मैं सचमुच मानता हूं कि 21वीं सदी का भविष्य अमेरिका-भारत साझेदारी की मजबूती से निर्धारित होगा।’

वेंस ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि भारत और अमेरिका सफलतापूर्वक मिलकर काम करेंगे, तो हम 21वीं सदी को समृद्ध और शांतिपूर्ण देखेंगे। लेकिन मेरा यह भी मानना है कि अगर हम सफलतापूर्वक मिलकर काम करने में असफल रहे, तो 21वीं सदी पूरी मानवता के लिए बहुत अंधकारमय समय हो सकती है।’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति, भारतीय मूल की अपनी पत्नी उषा चिलुकुरी और अपने तीन बच्चों – बेटे इवान, विवेक और बेटी मीराबेल के साथ अमेरिका के शुल्क युद्ध पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच सोमवार को दिल्ली पहुंचे।

वेंस और मोदी ने व्यापक मुद्दों पर बातचीत की, जिसके बाद दोनों नेताओं ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता में ‘महत्वपूर्ण प्रगति’ का स्वागत किया।

अपने संबोधन में वेंस ने भारत से अमेरिकी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने तथा उनके देश से ज्यादा हथियार एवं साजो समान और ऊर्जा खरीदने का भी आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘हम भारत को उसके अपतटीय प्राकृतिक गैस भंडार और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्तियों सहित अपने स्वयं के महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों की खोज में भी मदद करना चाहते हैं।’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, “ हमारे पास क्षमता है और हम मदद करने की इच्छा भी रखते हैं। इसके अलावा, हमें लगता है कि ऊर्जा सह-उत्पादन अन्य विदेशी बाजारों में अनुचित प्रतिस्पर्धियों को मात देने में मदद करेगा।’

उन्होंने कहा कि लेकिन हमारा मानना ​है कि भारत हमारे देशों के बीच ऊर्जा संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है और मेरा एक सुझाव यह है कि भारतीय बाज़ार में अमेरिकी पहुंच के लिए कुछ गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने पर विचार किया जाना चाहिए।

वेंस ने कहा कि वह और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ मजबूत संबंधों की आशा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी लोग भारतीय बाजारों तक अधिक पहुंच चाहते हैं। यह व्यापार करने के लिए एक बेहतरीन जगह है और हम अपने लोगों को इस देश और भारतीयों तक अधिक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं।’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारा मानना है कि अमेरिका से अधिक व्यापार यह फलेगा-फूलेगा। यह दोनों पक्षों के लिए फायदे वाली साझेदारी है और भविष्य में भी यह बनी रहेगी।’

वेंस ने आगाह किया कि अगर भारत और अमेरिका ‘तालमेल बनाए रखने में विफल’ रहे, तो इसके परिणाम पूरे विश्व के लिए होंगे और यह ‘काफी भयावह’ होगा।

उन्होंने कहा, “और यह भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारत और अमेरिका के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है।’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, “एक साथ मिलकर काम करने से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। यही कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप और मैंने कई कूटनीतिक संगठनों में भारत के नेतृत्व का स्वागत किया है।’

उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से क्वाड में, हम मानते हैं कि एक मजबूत भारत का मतलब अधिक आर्थिक समृद्धि है, लेकिन साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अधिक स्थिरता भी है, जो निश्चित रूप से इस कमरे में बैठे हम सभी लोगों के लिए एक साझा लक्ष्य है।’

वेंस ने भारत के असैन्य परमाणु दायित्व कानूनों में संशोधन के लिए मोदी सरकार की बजट घोषणा का भी स्वागत किया।

दायित्व कानून अमेरिकी उत्पादकों को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों का निर्यात करने तथा भारत में बड़े अमेरिकी डिजाइन वाले रिएक्टरों के निर्माण से रोकता है।

उन्होंने कहा, ‘हम बहुत कुछ बना सकते हैं, हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। हमारा मानना है कि अमेरिकी ऊर्जा भारत के परमाणु ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकती है।’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने की वकालत की और सुझाव दिया कि दिल्ली उनके देश से और अधिक सैन्य हार्डवेयर खरीदे।

उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित रूप से और अधिक सहयोग करना चाहते हैं, हम साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि आपका देश और अधिक हमारे सैन्य उपकरणों को खरीदे।”

वेंस ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 (जेट) भारतीय वायु सेना को आपके हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और आपके लोगों की रक्षा करने की ऐसी क्षमता प्रदान करेंगे, जैसी पहले कभी नहीं थी।’

फरवरी में वाशिंगटन में मोदी-ट्रंप बैठक को याद करते हुए वेंस ने कहा कि इसने घनिष्ठ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की नींव रखी।

उन्होंने कहा, “जैवलिन से लेकर स्ट्राइकर लड़ाकू वाहनों तक, हमारे देश अनेक ऐसे हथियारों और उपकरणों का सह-उत्पादन करेंगे जिनकी हमें विदेशी हमलावरों को रोकने के लिए आवश्यकता होगी, इसलिए नहीं कि हम युद्ध चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि हम शांति चाहते हैं और हमारा मानना ​​है कि शांति का सर्वोत्तम मार्ग आपसी शक्ति से होकर गुजरता है।“

उन्होंने कहा, ‘भारत इस साल क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद प्रशांत में हमारे हित पूरी तरह से जुड़े हैं। हम दोनों जानते हैं कि इस क्षेत्र को किसी भी शत्रुतापूर्ण शक्तियों से सुरक्षित रहना चाहिए जो हावी होना चाहती हैं।’

वेंस और उनका परिवार कल रात जयपुर पहुंचा था। उनका बुधवार को आगरा जाने का कार्यक्रम है।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments