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Saturday, 4 May, 2024
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कौन हैं वी अनंत नागेश्वरन जिन्हें बजट से पहले भारत सरकार ने बनाया मुख्य आर्थिक सलाहकार

नागेश्वरन ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है.

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नई दिल्ली: नए बजट को पेश करने से पहले भारत सरकार नो देश में शुक्रवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में वी अनंत नागेश्वरन की नियुक्ति की है. इससे पहले नागेश्वरन एक लेखर, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. इसके अलावा नागेश्वरन भारत और सिंगापुर के कई बिजनस स्कूलों और संस्थानों में पढ़ा चुके हैं.

वह IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और क्रिआ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर थे. वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है.

उनका कॉर्पोरेट करियर 1994 से 2011 तक 17 वर्षों में फैला है, जहां वे यूनियन बैंक ऑफ स्विटजरलैंड में एक मुद्रा अर्थशास्त्री, एशिया में क्रेडिट सुइस प्राइवेट बैंकिंग में अनुसंधान और निवेश परामर्श के प्रमुख और बैंक जूलियस बेयर में एशिया अनुसंधान और वैश्विक मुख्य निवेश अधिकारी थे.

वह सुंदरम फास्टनरों, टीवीएस टायर्स और डेल्फी-टीवीएस के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक भी हैं.

शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े और क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी एवं जूलियस बेयर ग्रुप के साथ काम कर चुके नागेश्वरन ने सीईए के तौर पर के वी सुब्रमण्यम का स्थान लिया है. सुब्रमण्यम ने तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद दिसंबर 2021 में सीईए का पद छोड़ दिया था.

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खबरों के मुताबिक, सरकार ने नागेश्वरन, सान्याल, मौद्रिक नीति समिति के पूर्व सदस्य पामी दुआ और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च की महानिदेशक पूनम गुप्ता को इस पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया था.

सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नागेश्वरन ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया.

उनकी नियुक्ति वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण आने से तीन दिन पहले हुई है. आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान रखे जाने की संभावना है क्योंकि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था महामारी से उबरने के संकेत दे रही है. आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को संसद में पेश किया जाना है.

इसके अलावा, उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है और बड़े पैमाने पर उनके लेख प्रकाशित किये गये है.

नागेश्वरन के पास भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर (एमबीए) की डिग्री है. उन्होंने विनिमय दरों के अनुभवजन्य व्यवहार पर अपने काम के लिए 1994 में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी. वह आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन भी रह चुके हैं.


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