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Wednesday, 26 June, 2024
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सुरंग हादसे के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिसकर्मी ने कहा- पिछले महीने निरीक्षण किया था, सब ठीक था

कुमार ने कहा कि घटना सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना थोड़ी देर से मिली.

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मी ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने निर्माणाधीन सुरंग का निरीक्षण किया था और उस वक्त काम सही तरीके से चल रहा था.

करीब दस दिन पहले सुरंग का एक हिस्सा धंस जाने से 41 श्रमिक अंदर फंसे हैं जिन्हें निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

उत्तरकाशी जिले के धरासू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाली जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मौके पर मौजूद एक इंजीनियर ने फोन कर सुरंग का हिस्सा ढहने की जानकारी दी और वह पुलिस विभाग की ओर प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे.

कुमार ने बताया, “जिस वक्त फोन आया तब सुबह के करीब आठ बज रहे थे और मैं नहा रहा था. मैंने तुरंत एक कर्मचारी को अपने साथ लिया और अपनी मोटरसाइकिल से घटनास्थल पर पहुंचा.”

पौढ़ी गढ़वाल के मूल निवासी सुरेश कुमार पिछले डेढ़ साल से सिलक्यारा सुरंग से लगभग 10 किमी दूर जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हैं.

कुमार ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने सुरंग का निरीक्षण किया था. सुरंग दो किलोमीटर तक खोदी गई थी और काम सुचारू रूप से चल रहा था. मैं ऐसी घटना की कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था.

कुमार ने कहा कि घटना सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना थोड़ी देर से मिली.

बता दें कि चल रहे बचाव अभियान के बीच अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने बुधवार को कहा कि अगले 24 घंटों में कुछ बड़ी खबर आने की उम्मीद है.

कुमार ने कहा कि मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि सुरंग के अंदर करीब 200 मीटर तक मलबा पड़ा हुआ है, जिससे प्रवेश मार्ग बंद हो गया था. “मैंने पुलिस थाने में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और बाद में एक बचाव दल मौके पर पहुंचा.”

अधिकारियों के मुताबिक, अब तक मलबे में 32 मीटर की दूरी तक, स्टील के पाइप डाले जा चुके हैं.

छह इंच चौड़ी पाइपलाइन ने बचावकर्मियों को कई दिनों में फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीरें खींचने में मदद की. अधिकारियों ने कहा कि एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि कर्मचारी ठीक हैं.


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