नई दिल्ली: उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से में बचाव दल और फंसे हुए श्रमिकों के बीच केवल कुछ मीटर की दूरी है. वहीं पास मातली में एक अस्थायी शिविर कार्यालय भी बनाया गया था. चल रहे ऑपरेशन की वास्तविक समय पर निगरानी करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए मटाली में एक अस्थायी शिविर कार्यालय भी बनाया गया है.
मजदूर अपना तनाव दूर करने के लिए ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं और रोजाना योग और व्यायाम कर रहे हैं.”
साथ ही उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 12 दिन से फंसे 41 श्रमिकों का तनाव दूर करने के लिए बचाव दल ने उन्हें ‘बोर्ड गेम’ और ताश उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
घटना स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने बताया, ‘‘हम उन्हें तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं. अभियान में देरी हो रही है और ऐसा लगता है कि कुछ समय और लगेगा.”
शुक्रवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम धामी 12 नवंबर को उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चल रहे प्रयासों पर बारीकी से नज़र रख रहे थे.
मुख्यमंत्री बचाव अभियान की निगरानी करने के अलावा मौके पर मौजूद अधिकारियों से भी नियमित संपर्क में हैं और समय-समय पर निर्देश जारी कर रहे हैं.
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में स्थिति पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
बुधवार देर रात ‘ऑगर’ मशीन के रास्ते में आए लोहे के गर्डर को काटने में छह घंटे की देरी के बाद दिन में बचाव अभियान फिर से शुरू होने के कुछ घंटों बाद हालिया बाधा आई.
गुरुवार देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी. ड्रिलिंग का काम शुक्रवार सुबह भी शुरू नहीं हो सका.
चल रहे बचाव कार्य को 13 दिन पुरे हो चुके है फंसे हुए मजदूरों को अभी सुरक्षित बताया जा रहा है.
साथ ही उन्हें खाना और परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है.
सिरिएक जोसेफ, स्क्वाड्रन इंफ्रा एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ ने बताया कि, हम यहां बचाव दल का समर्थन करने के लिए हैं, जो अथक परिश्रम कर रही है. हमारी प्राथमिकता फंसे हुए मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, यही कारण है कि हमने ड्रोन तैनात किए हैं ताकि हम उनकी स्थिति पर वास्तविक समय पर नजर रख सकें.
उन्होंने कहा कि उनकी टीम ड्रोन कैमरे के जरिए सुरंग के अंदर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख रही है.
उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य सभी 41 श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालना है.
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया, जो फिलहाल अपने अंतिम चरण में माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के सीएम से फोन पर बात की और चल रहे बचाव अभियान और फंसे हुए 41 श्रमिकों को सुरक्षित रखने के बारे में अपडेट लिया.