देहरादून, 27 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने देहरादून के सरकारी दून अस्पताल परिसर में बनी दरगाह को प्रशासन द्वारा तोड़े जाने की घटना पर नाखुशी व्यक्त की और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की।
शम्स ने रविवार को यहां कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बाबा कलाम शाह की दरगाह तोड़े जाने पर अफसोस प्रकट करते हुए मामले की जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
देहरादून जिला प्रशासन ने अस्पताल परिसर में बनी दरगाह को ‘अवैध’ बताते हुए शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात उसे बुलडोजर की मदद से ढहा दिया था।
जिला प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई से पहले दरगाह के मुतवल्ली (प्रबंधक या उसकी देखभाल से जुड़े लोग) को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि, दरगाह के प्रबंधन से जुड़े लोगों का दावा है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है।
इस बारे में शम्स ने कहा कि जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि दोनों पक्षों में से कौन सही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह संपत्ति वक्फ में अधिसूचित है और ऐसे में कोई कार्रवाई करने से पहले वक्फ बोर्ड को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए था।
दून अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार और परिजन इस दरगाह में दुआ मांगने और चादर चढ़ाने आते थे।
बताया जाता है कि यह दरगाह करीब 100-200 साल पुरानी थी और दून अस्पताल के अस्तित्व में आने से पहले से थी। दावा किया जा रहा है कि 1984 में उत्तराखंड जब उत्तर प्रदेश का हिस्सा था तब किये गए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी वहां दरगाह होने का जिक्र है।
भाषा दीप्ति धीरज
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