ऋषिकेश, 10 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में एक बाघ को मार कर शिकारी उसके पंजे के नाखून चुरा ले गए। घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गयी ।
कुमाऊं मण्डल के मुख्य वन संरक्षक धीरज पाण्डे ने यह जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि घटना चंपावत जिले में हुई जहां पांच वर्ष के एक बाघ को मार कर उसके नाखून शिकारी चुरा ले गए।
घटना के बाद अपर प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) विवेक पाण्डे ने एक परामर्श जारी कर उत्तराखंड के समस्त वन प्रभागों को वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने को कहा है।
मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी वन अधिकारियों को घटना का जल्द खुलासा करने के निर्देश दिए। उनियाल ने यहां कहा कि वन विभाग को यदि राज्य की पुलिस अथवा गुप्तचर संस्थाओं की सहायता की जरूरत हो तो वह ली जाए, लेकिन शिकारी हर हाल में पकड़े जाने चाहिए।
कुमाऊं मण्डल के मुख्य वन संरक्षक धीरज पाण्डे ने बताया कि आठ जनवरी को चंपावत शहर के वन पंचायत क्षेत्र ढकना बडोला की महिलाओं ने जंगल में बाघ के मृत अवस्था में पड़ा होने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पाया कि बाघ के दो पंजों के नाखून निकाले जा चुके थे।
उन्होंने बताया कि बाघ का शिकार बंदूक की गोली से नहीं हुआ और आशंका है कि उसे जहर देकर मारा गया हो। उनके अनुसार, इसका मतलब है कि इसे पेशेवर शिकारियों द्वारा ही अंजाम दिया जा सकता है।
वन्य जीव प्रेमी इस घटना के बाद प्रदेश में वन्य जीव आपराधिक गिरोह की सक्रियता को लेकर बहुत चिंतित है।
वन अधिकारी ने बताया कि मृत बाघ का पोस्टमार्टम कराया गया है। उन्होंने बताया कि बाघ को कैसे मारा गया, यह जानने के लिए पशु चिकित्सकों ने उसके आमाशय से विसरा का नमूना लिया है।
उन्होंने बताया कि बाघ की डीएनए जांच के लिए भी उसके नमूने उत्तर प्रदेश के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) तथा देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान भेजने का प्रबंध किया जा रहा है ।
भाषा सं दीप्ति नरेश मनीषा
मनीषा
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