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Tuesday, 8 July, 2025
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोटद्वार अदालत से अंकिता भंडारी हत्याकांड के रिकॉर्ड तलब किए

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नैनीताल, सात जुलाई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में कठोर आजीवन कारावास की अपनी सजा को चुनौती देने वाली पुलकित आर्य द्वारा दाखिल अपील के संबंध में कोटद्वार अदालत से रिकॉर्ड तलब किया।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने की।

पौड़ी जिले में डोभ श्रीकोट गांव की निवासी 19 वर्षीया अंकिता भंडारी यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करती थी और इसी दौरान सितंबर 2022 में उसकी हत्या कर दी गयी थी। आरोप है कि रिजॉर्ट के मालिक आर्य ने अपने कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसे चीला नहर में धक्का दे दिया, जिस कारण उसकी मृत्यु हो गयी ।

तीनों आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेज दिया गया था। घटना के बाद जनाक्रोश भड़क उठा था ।

इस वर्ष 30 मई को कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने आर्य को हत्या, यौन उत्पीड़न और सबूत मिटाने का दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अन्य दो आरोपियों को भी दोषी ठहराते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी। मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष ने अदालत में 47 गवाह पेश किए थे।

आर्य ने उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी अपील में दलील दी है कि घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है और मृतका का शव नहर से बरामद किया गया।

राज्य सरकार की ओर से दलील दी गयी कि आर्य और उसके दो अन्य साथियों की लोकेशन घटना स्थल के पास की है, जिसकी पुष्टि फोरेंसिक विश्लेषण से हुई है।

सरकार ने यह भी कहा कि मृतका ने अपनी व्हाटसऐप चैट में आर्य के व्यवहार के बारे में जिक्र किया था। इसके अलावा आर्य ने घटना वाले दिन रिजॉर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिए थे और उसने डीवीआर के साथ भी छेड़छाड़ की।

अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 18 नवंबर तय की है ।

भाषा सं दीप्ति अमित सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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