नई दिल्ली : नैनीताल हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को राज्य के सांसदों और विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी देने को लेकर राज्य सरकार को आदेश दिया है और इसके लिए 3 मार्च तक ब्योरा कोर्ट को देने को कहा है.
Uttarakhand High Court took suo moto cognizance of the criminal cases registered against the MPs & MLAs of the state & directed the govt to provide information on the registered & pending cases to the court by March 3.
There are a total of 70 MLAs & 8 MPs in the state.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 18, 2022
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार (उत्तराखंड सरकार) कोर्ट को इसकी जानकारी दे कि किन सांसदों और विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई. राज्य में कुल 70 विधायक और 8 सांसद हैं.
गौरतलब है कि इस समय विधानसभा चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के 14 विधायकों पर मुकदमे चल रहे हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 626 उम्मीदवारों में से 107 विभिन्न मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इनमें से 61 ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले 626 उम्मीदवारों में से 17% के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि 2017 के विधानसभा चुनावों में 637 उम्मीदवारों में से 14% के खिलाफ आपराधिक मामले थे.
उत्तराखंड में कांग्रेस ने सर्वाधिक (23) उम्मीदवार खड़े किए हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) का नंबर आता है, जिसके 15 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और बीजेपी के 13 उम्मीदवार हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी 10 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि निर्वाचित सांसदों के खिलाफ लंबित मामलों के प्रोग्रेस की देखरेख कर रहे उच्च न्यायालयों की अनुमति के बिना किसी सांसद या विधायक के खिलाफ कोई मुकदमा वापस नहीं लिया जाएगा.