उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि लोगों की संपत्ति को कोई नुकसान न हो. यह आदेश राज्य के पुरोला जिले में महापंचायत की चर्चा के बीच आया है.
हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. इसने अपने आदेश में यह भी कहा कि संगठनों को धरना, प्रदर्शन, रैलियां और बैठकें करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता है. कोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में संबंधित पक्षों को इस मुद्दे पर टीवी डिबेट और सोशल मीडिया पर अपने विचार रखने से भी परहेज करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे.
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को पुरोला में किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की समस्या होने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि पुरोला कांड के संबंध में किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
धामी ने कहा, ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.’ उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बुधवार को उत्तराखंड के पुरोला शहर में 15 जून को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जहां पिछले महीने एक नाबालिग लड़की के अपहरण के कथित प्रयास को लेकर सांप्रदायिक तनाव देखा जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.” उन्होंने कहा कि अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा, “अब तक जो घटनाएं हुई हैं, उनमें प्रशासन ने ठीक से काम किया है. अगर कोई दोषी है तो कानून उसके खिलाफ काम करेगा. किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.”
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