नई दिल्ली: उत्तराखंड सरकार सेना में चार साल का कार्यकाल पूरा कर लौटने वाले अग्निवीरों को पुलिस तथा अन्य सरकारी विभागों में समायोजित करने के लिए आरक्षण देने पर विचार कर रही है.
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस संबंध में एक ठोस कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसमें पुलिस व अन्य सरकारी विभागों में अग्निवीरों को आरक्षण देने का प्रस्ताव शामिल है.
इसके अलावा, देश सेवा कर लौटने वाले अग्निवीरों के सुरक्षित भविष्य के लिए उन्हें कई क्षेत्रों में रोजगार संबंधित प्रशिक्षण देने के वास्ते कौशल विकास योजना भी तैयार की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं .
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ऐसा प्रदेश है जहां के युवा बड़े पैमाने पर भारतीय सेना में भर्ती होते हैं, लिहाज़ा, सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को नियोजित करने में राज्य सरकार अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार चाहती है कि सेना में चार साल पूरे होने के बाद भी अग्निवीरों को राज्य में नौकरी व रोजगार के भरपूर अवसर मिलें. सेवानिवृत्त अग्निवीरों का राज्य की सेवा में भरपूर उपयोग किया जाएगा ताकि वे भी राज्य के विकास में सहभागी बन सकें.”
इससे पहले, दिन में एक कार्यक्रम के दौरान धामी ने कहा कि देश सेवा कर लौटने वाले प्रदेश के अग्निवीरों को राज्य के विभिन्न विभागों में समायोजित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीर योजना लाए जाने के बाद उन्होंने सेना के अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों, जवानों तथा अन्य लोगों के साथ बैठक की थी और 15 जून 2022 को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर घोषणा की थी कि उनकी सरकार पुलिस समेत राज्य के अन्य विभागों में देश सेवा करके आने वाले अग्निवीरों को समायोजित करेगी और उन्हें प्राथमिकता देगी.
उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के लिए आरक्षण का भी प्रावधान किया जाएगा.
धामी ने कहा कि इसके लिए अगर कोई अधिनियम बनाना ज़रूरी होगा तो उसका एक प्रस्ताव मंत्रिमंडल में लाकर उसे विधानसभा में भी रखा जाएगा.
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