देहरादून, चार जून (भाषा) कई राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को एक परामर्श जारी कर प्रदेश के सभी जिला प्रशासनों को निगरानी तंत्र को मजबूत करने और अस्पतालों में ऑक्सीजन व जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में फिलहाल कोविड-19 को लेकर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश के अनुसार कोविड-19 के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कुमार ने कहा कि स्थिति भले ही सामान्य और नियंत्रण में है, फिर भी संभावित खतरों के प्रति सतर्कता बढ़ाने के लिए विशेष परामर्श जारी किया गया है।
कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में इस साल कोविड-19 संक्रमण के कुल 16 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें छह सक्रिय मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।
कुमार के मुताबिक, संक्रमितों में संक्रमण के मामूली लक्षण उभरे हैं और वे सभी अपने घर में सामान्य उपचार लेते हुए ठीक हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिलों को अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा उपकरणों को कार्यात्मक स्थिति में रखने के विशेष निर्देश दिए गए हैं।
कुमार के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, विभिन्न मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाएं, वेंटिलेटर, बाईपैप मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र जैसे उपकरण पूरी तरह से कार्यात्मक स्थिति में होने चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव ने निगरानी व्यवस्था को भी मजबूत करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत इंफ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई), गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और कोविड मामलों की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।
कुमार ने कहा कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं को एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पोर्टल पर रोजाना रिपोर्ट अपलोड करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि नमूनों की जांच आईसीएमआर के कोविड-19 जांच संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार की जानी चाहिए और सभी एएआरआई मामलों की अनिवार्य रूप से कोविड जांच की जानी चाहिए।
कुमार ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित सभी मरीजों के नमूनों को डब्ल्यूजीएस (संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण) के लिए भेजा जाना चाहिए, ताकि वायरस के नये संभावित संस्करण का समय रहते पता लगाया जा सके।
उन्होंने कहा कि कोविड प्रबंधन में शामिल कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाना चाहिए और राज्य सरकार को दैनिक स्थिति रिपोर्ट भेजी जानी चाहिए।
कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग आम जनता में कोविड-19 के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष अभियान भी चलाएगा।
परामर्श में लोगों से छींकते या खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल/टिश्यू पेपर से ढकने की सलाह दी गई है। साथ ही उनसे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने के लिए कहा गया है।
परामर्श में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी गई है। इसमें खांसी और बुखार जैसे लक्षण उभरने पर लोगों से तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने को कहा गया है।
परामर्श में कोविड-19 संक्रमण से मिलते-जुलते लक्षणों से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि बुजुर्ग और बीमार लोगों का विशेष रूप से ख्याल रखा जाना चाहिए।
भाषा पारुल सुरेश
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