ऋषिकेश, पांच मई (भाषा) कॉर्बेट बाघ अभयारण्य से हाल में लाये गये नर बाघ को राजाजी बाघ अभयारण्य में सोमवार को छोड़ दिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजन कुमार मिश्रा ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि राजाजी बाघ अभयारण्य की मोतीचूर रेंज में बनाए गए बाड़े से अपराह्न साढ़े तीन बजे बाघ को जंगल में छोड़ दिया गया।
इस पांच वर्षीय नर बाघ को एक मई को बाड़े मे लाया गया था।
उन्होंने बताया कि बाघ के गले में लगे रेडियो कॉलर से मिल रहे संकेतों के आधार पर वन कार्मिकों की टीम एक सुरक्षित दूरी बनाकर उसकी स्थिति का पता लगा रही है, जो लगातार बदल रही है।
मिश्रा ने बताया कि राजाजी बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक महातिम यादव वनकर्मियों के साथ समन्वय कर रहे हैं जबकि निदेशक कोको रोसे पूरी स्थिति की गहन निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वनकर्मियों को पश्चिमी छोर के पूरे जंगल यानि मोतीचूर , धौलखंड, चिल्लावाली रेंज के अंदर हरेक वन्यजीव गतिविधि पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि अब तक राजाजी बाघ अभयारण्य के पश्चिमी छोर के जंगलों में एक नर बाघ और तीन बाघिनें थीं लेकिन इस नर बाघ की आमद के बाद नर बाघों की संख्या बढ़कर दो हो गयी है।
वन अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी छोर का जंगल काफी बड़ा और संसाधनों से परिपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि अब तक संसाधनों पर केवल एक नर बाघ का राज था लेकिन अब उसका एक प्रतिस्पर्धी भी आ गया है इसलिए जंगल में इन की सतत निगरानी बहुत जरूरी हो गयी है।
अधिकारी ने बताया कि बड़ा क्षेत्र होने के कारण काफी संभावना है कि नया बाघ अपने लिए कोई एक सुरक्षित वन क्षेत्र चुन के उसे वास स्थल के रूप में अपना ले और दोनों बाघों के बीच भिडंत की नौबत न आए।
उन्होंने बताया कि इस बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
उत्तराखंड के राजाजी बाघ अभयारण्य के पश्चिमी छोर में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए स्थानांतरण परियोजना के तहत कॉर्बेट से पांच बाघों को लाया गया है।
भाषा सं दीप्ति जितेंद्र
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