उत्तरकाशी, 27 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और मलबे के कारण यमुना नदी में बनी अस्थायी झील को खोलने के लिए जारी प्रयासों का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से मिल कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
धामी ने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्यानाचट्टी में अस्थायी झील का निरीक्षण करने के बाद नदी मार्ग में जमा हुई गाद को निकालने और झील के मुहाने को चौड़ा कर त्वरित जल निकासी बढ़ाने के निर्देश दिये।
अधिकारियों ने मुताबिक, 21 अगस्त की शाम भारी बारिश के कारण गढ़गाड़ बरसाती नाले से पानी के साथ बहकर आए मलबे और पत्थरों के जमा होने से यमुना नदी में अस्थायी झील बन गयी थी।
उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में पानी आने से 25-30 मकान और 20-25 होटलों में जलभराव हो गया था, जिसके बाद करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
झील के पानी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने पुल का एक हिस्सा दो फुट तक पानी में डूब गया था, जिससे आवागमन बाधित हो गया था।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां मलबे से बने अवरोधक को हटाकर झील को खोलने के लिए कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य को जल भराव और मलबा आने से स्थानीय लोगों का हुए नुकसान का तत्काल आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा आवाजाही बाधित होने के कारण आलू की फसल की उचित मूल्य पर खरीद की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने जगह-जगह भूस्खलन से मार्ग बंद होने से बाधित हुई आवाजाही को बहाल करने और यमुनोत्री मार्ग को जल्द ठीक कर यात्रा के लिए खोलने के निर्देश दिए।
उन्होंने आपदा प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और प्रभावित लोगों को हुए नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि पिछले दिनों स्यानाचटटी में मलबा आने से जलभराव हो गया और नदी में 25 फुट पानी और मलबा उपर आ गया ,जिसके कारण यहां नुकसान हुआ ।
उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन कराया जा रहा है और प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाएगी।
धामी ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी से मलबे को हटवाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि सितंबर में बारिश कम होने पर मार्ग के चौड़ीकरण का काम शुरू करने वाली कंपनी से भी कहा जाएगा कि वह इस मलबे को यहां से हटाकर उसका उपयोग मार्ग निर्माण में करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष आपदाओं का सामना करना पड़ता है और इस बार भी धराली, थराली और पौड़ी सहित अनेक जगहों पर आपदाएं आयी हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदाओं को लेकर एक भूगर्भीय अध्ययन करवाने का निर्णय लिया है कि जिससे यह पता चले कि आखिर जगह-जगह भूस्खलन होने, दरारें आने के पीछे क्या कारण हैं।
भाषा दीप्ति जितेंद्र
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