देहरादून, तीन जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के चार साल बृहस्पतिवार को पूरे हो गए। हालांकि, धामी को 2021 में जब पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया था तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके जैसे साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
धामी राज्य के 25 साल के इतिहास में चार साल तक पद पर आसीन रहे दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, नारायण दत्त तिवारी चार साल तक मुख्यमंत्री रहे थे।
मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता(यूसीसी) लागू करने, भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक माफिया के खिलाफ कार्रवाई और भूमि अतिक्रमण तथा जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई को अपने मौजूदा कार्यकाल की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताई।
धामी ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे नहीं पता था कि मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को इस तरह की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मेरा रास्ता चुनौतियों से भरा था। चुनाव नजदीक थे। कोविड महामारी अपने चरम पर थी। चारधाम यात्रा और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हुआ था। उन्हें वापस पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती थी।”
उन्होंने कहा, “हमने भरपाई करने के लिए एक पैकेज की घोषणा की। छह महीने में 700 से अधिक घोषणाएं कीं। वृद्धावस्था पेंशन की राशि और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की। सेब और कीवी मिशन शुरू करके नवाचार को भी बढ़ावा दिया।”
धामी ने यूसीसी को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताते हुए कहा कि (2022 के विधानसभा चुनावों में) भाजपा लोगों के पास इस वादे के साथ गई थी कि अगर वह फिर से सत्ता में आई तो इसे लागू करेगी।
उन्होंने कहा, “यूसीसी हमेशा से ही हमारे चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और गृह मंत्री अमित शाह के निरंतर मार्गदर्शन से स्वतंत्रता के बाद यह कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का सौभाग्य मिला है।”
विपक्ष के इस आरोप का जवाब देते हुए कि यह एक खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए बनाया गया है, धामी ने कहा कि यह सभी धर्मों और आस्थाओं के लोगों की सुरक्षा के लिए है।
दिल्ली में 2022 में श्रद्धा वाल्कर की उसके ‘लिव-इन पार्टनर’ द्वारा की गई जघन्य हत्या का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यूसीसी में ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान ऐसी भयावह घटनाओं के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने देश का सबसे कठोर नकल (कदाचार) विरोधी कानून बनाकर पेपर लीक माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है और इस तरह के घोटाले में शामिल 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा है।
उन्होंने कहा कि जब से उत्तराखंड में यह कानून लागू हुआ है, गरीब परिवारों के 24,000 योग्य व मेधावी अभ्यर्थियों को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियां मिली हैं।
उन्होंने कहा, “इससे योग्य और मेधावी छात्रों का मनोबल बढ़ा है।”
धामी ने कहा कि उनकी सरकार “लव जिहाद, भूमि जिहाद और थूक जिहाद” के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी भी कीमत पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। राज्य में 6,500 एकड़ सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है।”
उन्होंने कहा कि यह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण और राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां करार दिया।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने भूस्खलन प्रभावित ज्योतिर्मठ के पुनर्निर्माण के लिए 1,700 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
भाषा जोहेब सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.