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बुधवार, 23 अप्रैल, 2025
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उत्तराखंड के मंत्रिमंडल ने वन पंचायत संशोधन नियमावली को मंजूरी दी

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देहरादून, 15 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मंत्रिमंडल ने वन पंचायत संशोधन नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके तहत वन पंचायतों के लिए ब्रिटिश काल के कानूनों में पहली बार संशोधन किया गया है ताकि उन्हें अधिक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने यह जानकारी दी।

शैलेश बगौली ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में वन पंचायत संशोधन नियमावली को अपनी मंजूरी दे दी।

संशोधित वन पंचायत नियमावली के तहत त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों को भी वन पंचायतों के वन प्रबंधन से जोड़ा गया है।

उत्तराखंड भारत का एकमात्र राज्य है, जहां वन पंचायत प्रणाली लागू है। यह एक ब्रिटिशकालीन सामुदायिक वन प्रबंधन व्यवस्था है जो 1930 से चली आ रही है।

राज्य में कुल 11,217 वन पंचायतें हैं जो 4.52 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र की देखरेख करती हैं। संशोधन के बाद अब प्रत्येक वन पंचायत में नौ सदस्य होंगे। एक सदस्य ग्राम प्रधान द्वारा तथा एक सदस्य जैव विविधता प्रबंधन समिति द्वारा नामित किया जाएगा।

नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली वन पंचायतों में नगर पालिका को वन पंचायत के एक सदस्य को नामित करने की अनुमति होगी।

भाषा रवि कांत पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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