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शनिवार, 10 मई, 2025
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उत्तराखंड: इस्तीफा देकर भावुक हुए अग्रवाल, कहा ‘एक आंदोलनकारी को निशाना बनाना ठीक नहीं’

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देहरादून, 16 मार्च (भाषा) उत्तराखंड सरकार में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भावुक हुए प्रेम चंद अग्रवाल ने रविवार को कहा कि जिस व्यक्ति ने प्रदेश के गठन में अहम भूमिका निभाई और लाठियां खाईं, उसे निशाना बनाया जाना ठीक नहीं है।

विधानसभा में ‘अभद्र टिप्पणी’ को लेकर विरोध का सामने कर रहे अग्रवाल पृथक उत्तराखंड आंदोलन खासकर मुजफफरनगर कांड के अपने दिनों को याद करते हुए भावुक हो गये।

अग्रवाल ने इस्तीफा देने से पहले पृथक उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अपनी भूमिका को याद किया और कहा कि दो अक्टूबर 1994 को जब मुजफफरनगर में आंदोलनकारियों पर गोलियां बरसाई गयीं तो वह फौरन दिल्ली से अकेले ट्रक में बैठकर मेरठ और फिर वहां से मुजफफरनगर में मौके पर पहुंचे और घायल आंदोलनकारियों की सहायता की।

अग्रवाल ने आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठियां भी खाईं।

उन्होंने कहा, “जिस व्यक्ति ने उत्तराखंड को बनाने में अहम भूमिका निभाई और लाठियां खाईं, उसे निशाना बनाया जाना ठीक नहीं है।”

अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह का वातावरण बनाया गया, उससे उन्हें बहुत कष्ट हुआ है।

उन्होंने कहा, “एक आंदोलनकारी की बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिसका मुझे दुख है और मैं बेहद आहत हूं।”

अग्रवाल ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबाल के खिलाड़ी भी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड बनाया और आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसे संवार रहे हैं।

पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है।

अग्रवाल ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है लेकिन वह उत्तराखंड के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।

राज्य विधानसभा में पिछले महीने अग्रवाल द्वारा की गयी ‘अभद्र टिप्पणी’ को लेकर उनके खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने अग्रवाल को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने की जोरदार मांग करते हुए उनके पुतले फूंके थे।

प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी कई प्रमुख संगठनों ने जबरदस्त रैली कर अग्रवाल को धामी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की मांग की थी ।

भाषा दीप्ति जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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