लखनऊ/नई दिल्ली: नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर हवाई अड्डा भी कहा जाता है, 30 अक्टूबर को उद्घाटन के लिए तैयार है. यह नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में विमानन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.
पहले चरण में हवाई अड्डे पर कम से कम 10 प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता से फ्लाइट संचालन शुरू होने की उम्मीद है, जो उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर शुरू हो सकता है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने गुरुवार को कहा, “जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 अक्टूबर 2025 को उद्घाटित होगा, और इसके 45 दिनों के भीतर फ्लाइट संचालन शुरू होते देख सकते हैं.”
पहले चरण में हवाई अड्डे में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा, जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा. चार चरणों में इसे बढ़ाकर 7 करोड़ यात्रियों तक क्षमता विकसित की जा सकती है.
दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थित यह एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा. यह हवाई अड्डा कार्गो ऑपरेशंस के लिए भी रणनीतिक हब साबित होगा, जिससे लॉजिस्टिक्स और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
हवाई अड्डा छह सड़कों, रैपिड रेल-कम-मैट्रो और पॉड टैक्सियों से जुड़ा होगा. इसमें कम दृश्यता में संचालन के लिए CAT-III B इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम भी है.
यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार और ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल AG के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से विकसित की गई है.
जेवर हवाई अड्डे से रियल एस्टेट का विकास बढ़ने और लगभग एक लाख सीधे व अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है. यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव को भी कम करेगा और क्षेत्रीय विमानन को सशक्त बनाएगा.