लखनऊ: यूपी में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 19,137 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 1924 मामले सामने आए हैं. वहीं मृत्यु का आंकड़ा 1,193 पहुंच गया है. केसों की संख्या के मामले में लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद का हाल सबसे बुरा है. इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने एसिम्टोमैटिक पेशंट्स (बिना लक्षण वाले मरीजों) को होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है.
यूपी के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि जल्द ही होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस जारी कर दी जाएंगी. अमित मोहन ने ये भी बताया कि यूपी में अब तक 15 लाख से अधिक लोगों की टेस्टिंग हो चुकी है. वहीं कुल केसों की संख्या 51, 161 है जिनमें 30,831 डिस्जार्ज हो चुके हैं वहीं 19,137 एक्टिव केस हैं.
सीएम योगी ने सोमवार को अपने आवास पर अधिकारियों के साथ मीटिंग में इसको मंजूरी दी है. सरकार की ओर से इस बात की जानकारी देते हुए कहा गया कि कड़ी शर्त (कंडीशन्स) के तहत ही होम आइसोलेशन को मंजूरी मिलेगी. ये सिर्फ एसिम्टोमैटिक पेशंट्स के लिए होगा.
वहीं कुछ और नियम व शर्तें रखी जाएंगी. इसके लिए सरकार की ओर से चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह व चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और दोनों विभागों के प्रमुख सचिवों की कमिटी बनाई गई है जो कि इसको लेकर दिशा निर्देश तय करेगी.
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हर शहर में बिना लक्षण वाले मरीजों को होटल और रिसॉर्ट रहने को मंजूरी
यूपी सरकार की ओर से एक अन्य फैसला भी लिया गया है. अब हर शहर में बिना लक्षण वाले मरीजों को होटल और रिसॉर्ट में आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था लागू कर दी गई है. पहले यह व्यवस्था लखनऊ और गाजियाबाद में शुरू की गई थी. इसके तहत 2 हजार रुपये प्रतिदिन की कीमत पर होटल में एसिम्टोमैटिक पेशंट रह सकेंगे. प्रशासन की ओर से इससे अधिक पैसा मरीजों से चार्ज नहीं किया जा सकता.
सीएम योगी ने कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर को कंट्रोल करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर विशेष फोकस करने को कहा है.
इसके अलावा उन्होंने लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, बलिया, झांसी, मुरादाबाद और वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि इन जिलों के नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे. इन अधिकारियों को जिलों में मॉनिटरिंग के लिए भेजा गया था.
तीन गुना बढ़े केस, दोगुनी हुई मृतकों की संख्या
सरकार के आंकड़े के मुताबिक, यूपी में 1 जुलाई तक 6,711 एक्टिव केस थे जो कि 20 दिन में तीन गुना बढ़ गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि इसका कारण टेस्टिंग बढ़ना भी है. प्रतिदिन औसतन 43000 से अधिक लोगों की टेस्टिंग हो रही है. वहीं मृतकों की संख्या भी पिछले 20 दिन में बढ़ी है. 1 जुलाई तक 697 मरीजों की मौत हुई थी तो अब ये आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 1193 पहुंच गया है.
लखनऊ में सरकारी अस्पतालों में बेड पड़े कम
यूपी में लखनऊ सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है. फिलहाल यहां 2,509 एक्टिव केस हैं जो कि टैली में सबसे अधिक हैं. हालात ये हैं कि एक हफ्ते से मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया अस्पताल जैसे प्रमुख सरकारी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं. कई स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स ने भी इसकी पुष्टी की है.
बाहरी जिलों से आने वाले मरीजों को भी बेड खाली न होने से लौटना पड़ रहा है.प्रशासन की ओर से कई निजी अस्पतालों को भी कोविड सेंटर के तौर पर संबद्ध किया गया है.