लखनऊ, 29 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित एक आश्रय गृह में चार दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए गठित समिति ने शनिवार को कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
दिव्यांग बच्चों की मौत के बाद आश्रय गृह के संचालन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
जिला, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभागों के अधिकारियों ने पारा क्षेत्र में ‘निर्वाण राजकीय बाल गृह’ का दौरा किया, जहां मुख्य रूप से अनाथ और मानसिक रूप से अस्वस्थ 147 बच्चे रहते हैं।
जांच दल ने बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए कर्मचारियों के बयान दर्ज किए।
जिलाधिकारी विशाख जी. ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “समिति आश्रय गृह के कामकाज के हर उन पहलुओं की जांच करेगी, जो किसी भी तरह से सीधे या परोक्ष रूप से इस घटना का कारण बन सकता है।”
आश्रय गृह में मंगलवार और बुधवार को 12 से 17 वर्ष की आयु के चार बच्चों की मौत के बाद मामले की जांच शुरू की गई थी।
अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि आश्रय गृह में रहने वाली एक और लड़की की पिछले सप्ताह अस्पताल में मौत हो गई थी।
इस बीच भोजन विषाक्तता के कारण अस्पताल में भर्ती आश्रय गृह के 16 बच्चे तीन दिन बाद भी लोक बंधु राज नारायण संयुक्त अस्पताल में भर्ती हैं।
आश्रय गृह की प्रभारी प्रीति मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हमें बताया गया कि अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत स्थिर है और उन्हें शनिवार को छुट्टी दिये जाने की उम्मीद थी लेकिन उन बच्चों को अभी छुट्टी नहीं मिली है।”
उन्होंने बताया कि आश्रय गृह में निगरानी में रखे गए सात बच्चों की हालत स्थिर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती बच्चों से मुलाकात की थी और चिकित्सकों को हरसंभव देखभाल प्रदान करने का निर्देश दिया था।
उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी बृहस्पतिवार को अस्पताल का दौरा किया था।
विशाख जी. ने चार बच्चों की मौत की पुष्टि की और बताया कि पोस्टमार्टम जांच की गई और आगे के विश्लेषण के लिए विसरा के नमूने सुरक्षित रखे गए हैं।
भाषा चंदन जफर जितेंद्र
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