लखनऊ, 26 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित महिला पेंशन योजना की सभी लाभार्थियों का सघन सत्यापन कराएगी। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी है।
सत्यापन के दौरान मृतक एवं अपात्र लाभार्थियों की पेंशन तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएगी। पात्र लाभार्थियों को समय-समय पर भुगतान की जाने वाली धनराशि के संबंध में मोबाइल पर संदेश भेजा जाएगा।
एक बयान के मुताबिक प्रमुख सचिव (महिला कल्याण) लीना जौहरी ने इस संबंध में सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है। उसमें सत्यापन का काम 25 मई तक हर हाल में पूरा करने के लिए कहा गया है।
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं का आधार प्रमाणीकरण भी अनिवार्य किया गया है। सत्यापन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक पात्र महिलाओं को ही मिले।
सत्यापन कार्य तीन चरणों में संपन्न होगा, जिसमें पहले चरण में लाभार्थियों के सत्यापन का कार्य 10 मई तक पूरा किया जाना है। दूसरे चरण में 15 मई तक हस्ताक्षरित सूची समेत रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी। इसके तीसरे और अंतिम चरण में 25 मई तक मृतक एवं अपात्र लाभार्थियों की पेंशन बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
यह पूरी प्रक्रिया जिलाधिकारी की देखरेख में होगी। जांच में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सत्यापन पूरी गंभीरता और गहनता से किया जाए।
अठारह वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं जिनके पति की मुत्यु हो चुकी है। लाभार्थी उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक न हो।
योजना के अन्तर्गत 2016-17 से 500 रुपये प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से पेंशन भुगतान किया जा रहा था। बाद में 2021-22 से इसे 1000 रुपए प्रतिमाह प्रति लाभार्थी कर दिया गया।
वर्तमान वित्त वर्ष से योजनान्तर्गत लाभार्थियों को आधार पर अधारित भुगतान प्रारम्भ किया गया है। योजना के अंतर्गत अब कुल 34 लाख से अधिक महिलाओं को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
भाषा जफर राजकुमार
राजकुमार
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