लखनऊ, 22 अप्रैल (भाषा) पूरी दुनिया में मौसम संबंधी घटनाओं के मुख्य कारण यानी जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार हरित आवरण के विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है।
सरकार ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह हरित आवरण के विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के मोर्चों पर केंद्रित प्रयासों के साथ राज्य को तेजी से सतत विकास में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
बयान के मुताबिक केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में लखनऊ की यात्रा के दौरान इन पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में एक आदर्श के रूप में उभर रहा है। अयोध्या और वाराणसी में सौर ऊर्जा पहल अनुकरणीय हैं।’’
बयान के अनुसार सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत राज्य सरकार ने साल 2027 तक 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, चित्रकूट और जालौन जैसे जिलों में सौर पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
बयान में दावा किया गया कि आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के समय राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 288 मेगावाट से दस गुना बढ़ गई है और इसे और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बयान के अनुसार योजनाओं में सभी नगर निगमों में सौर पार्क स्थापित करना, रेलवे ट्रैक और एक्सप्रेसवे के किनारे सौर ग्रिड स्थापित करना और सौर ऊर्जा से स्ट्रीट लाइट संचालित करना शामिल है। इस बढ़ी हुई क्षमता के लिए विद्युत प्रसारण ढांचे को भी उन्नत किया जा रहा है।
बयान के मुताबिक ‘‘अयोध्या को ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरकार सभी 16 शेष नगर निगमों और नोएडा को सोलर सिटी में बदलने के लिए भी चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी भारत का पहला सौर ऊर्जा से जगमगाने वाला एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है।’’
भाषा सलीम खारी
खारी
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