लखनऊ, 16 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में इस रोग के खात्मे के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। एक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान के मुताबिक, प्रदेश में 10 फरवरी से शुरू होने वाले ‘मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ (एमडीए) अभियान को लेकर तैयारी तेज हो गई है, जिसके लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इस अभियान के तहत बृहस्पतिवार को प्रदेश के 33 सामुदायिक रेडियो स्टेशन के प्रतिनिधियों को संवेदित किया गया।
एक बयान के मुताबिक, राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि एमडीए अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने में सामुदायिक रेडियो अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं स्वस्थ लोगों को ही खिलाई जाती हैं और पांच साल तक लगातार वर्ष में एक बार दवा खाने से फाइलेरिया का प्रसार समाप्त हो जाता है।
अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं अन्य बीमारियों में भी इस्तेमाल होती हैं इसलिए ये बिल्कुल सुरक्षित हैं और इनका किसी तरह का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है।
उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दवा खाने से खुजली, चकत्ते जैसे दुष्प्रभाव होते हैं तो इसका अर्थ है कि उसके शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद थे, जिनके मरने के कारण इस तरह के असर होते हैं।
अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमडीए अभियान 10 से 28 फरवरी तक लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी, अमेठी, बलिया, बरेली, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज और सोनभद्र जिलों में शुरू किया जाएगा।
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