लखनऊ, 29 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने 2030 तक सौर ऊर्जा से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की मंशा उत्तर प्रदेश, खासकर बुंदेलखंड, विंध्य और उससे लगे क्षेत्रों को सोलर एनर्जी का हब बनाना है। इस बाबत सरकार लगातार प्रयास भी कर रही है।
बयान में कहा गया है कि ताजा प्रयासों के क्रम में सरकार ने हाल ही में स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया एवं हिंदुजा समूह के साथ एक समझौता पत्र पर (एमओयू) भी हस्ताक्षर किए थे।
बयान के अनुसार, सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन है। इसमें कहा गया है कि जैसे जैसे सौर ऊर्जा में वृद्धि होगी, इनके पैनलों के निर्माण, इनके इंस्टालेशन, रखरखाव, ग्रिड के एकीकरण और ट्रांसमिशन के क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। सरकार इसके लिए सोलर मित्र योजना भी शुरू कर चुकी है।
बयान में कहा गया है कि 2017 में जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे तब उत्तर प्रदेश में सिर्फ 288 मेगावाट बिजली ही सोलर परियोजनाओं के जरिए पैदा होती थी।
बयान के अनुसार, वर्तमान समय में सरकार उससे 10 गुना बिजली सोलर परियोजनाओं से पैदा कर रही है। इस क्षमता को लगातार बढ़ाने का प्रयास भी जारी है।
बयान में कहा गया है कि इसी क्रम में सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत सोलर एनर्जी से 2200 मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
भाषा आनन्द नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.