जयपुर, 10 जून (भाषा) राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू को मंगलवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उनकी जगह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रवि प्रकाश मेहरड़ा को राज्य के डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने साहू की नियुक्ति का आदेश जारी किया।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने एक आदेश जारी कर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी यू आर साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है।’’
साहू 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें पिछले साल 10 फरवरी को राजस्थान का डीजीपी नियुक्त किया गया था। ओडिशा मूल के साहू ने एम टेक इंजीनियरिंग (जियोलॉजी) की शिक्षा प्राप्त की है। वह राजस्थान में अनेक जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे।
साहू ने पुलिस महानिदेशक के रूप में खुफिया विभाग, मुख्यमंत्री सुरक्षा, गृह रक्षा तथा आयोजना एवं आधुनिकीकरण में भी काम किया।
आरपीएससी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद साहू ने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली।
सरकार ने शाम को 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी मेहरड़ा को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का अतिरिक्त कार्यभार दिए जाने का आदेश जारी किया। मेहरड़ा इस समय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक हैं।
कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार मेहरड़ा आगामी आदेश तक अपने मौजूदा दायित्वों के साथ साथ डीजीपी पद का कार्यभार भी संभालेंगे।
साहू ने शाम को डीजीपी पद का कार्यभार मेहरड़ा को सौंप दिया।
आरपीएससी अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति पर साहू ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी प्रतियोगी परीक्षाएं साफ सुथरे एवं पारदर्शी तरीके से करवाने की होगी।
उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में जिस तरह सभी भर्ती परीक्षाओं में एजेंसी, पुलिस और सबका तालमेल रहा है उसे बरकरार रखते हुए पारदर्शी तरीके से भर्ती परीक्षाएं करवाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आरपीएससी के अध्यक्ष पद पर साहू की नियुक्ति के बाद राज्य में आईपीएस अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापन की सूची आने की उम्मीद है।
रोचक है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल ही राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पाने को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की कथनी और करनी का अंतर है जिससे युवाओं में आक्रोश है।
गहलोत ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा ने राजस्थान के युवाओं को कैसे छला, यह एक उदाहरण है। भाजपा के नेताओं ने चुनाव से पहले युवाओं को गुमराह कर एवं हमारे ऊपर झूठे आरोप लगाकर भ्रम फैलाने के लिए आरपीएससी में सकारात्मक परिवर्तन कर परीक्षा एवं भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का वादा किया था।’’
उन्होंने लिखा,‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार 10 महीने में आरपीएससी का नया अध्यक्ष तक नियुक्त नहीं कर सकी है और न ही सदस्यों के रिक्त पदों को भर सकी है। यहां तक की पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार हुए एक निलंबित सदस्य तक को बर्खास्त नहीं करवा सकी है।’’
भाषा पृथ्वी राजकुमार
राजकुमार
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