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Saturday, 21 December, 2024
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एमएचआरडी ने कालेजों के छात्रों को वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिये ‘वर्चुअल लैब’ के उपयोग का सुझाव दिया

मंत्रालय ने ट्वीट किया कि छात्रों द्वारा वर्चुअल लैब का उपयोग करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को आगे बढ़ाते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों के लिये वर्चुअल लैब परियोजना को आगे बढ़ा रहा है.

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नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के कारण जारी ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कालेजों एवं विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों को वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिये ‘वर्चुअल लैब’ का उपयोग करने का सुझाव दिया है.

मंत्रालय ने ट्वीट किया कि छात्रों द्वारा वर्चुअल लैब का उपयोग करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को आगे बढ़ाते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों के लिये वर्चुअल लैब परियोजना को आगे बढ़ा रहा है. यह छात्रों को उनके घर से ही वैज्ञानिक प्रयोग करने का अतुल्य अवसर प्रदान करता है.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समेत देश के कुछ शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से एक आभासी संसार का सृजन किया गया है, जहां वर्चुअल लैब के जरिए छात्र विज्ञान संबंधी प्रयोग एवं नवोन्मेष कर सकते हैं. अभी इससे जुड़े 958 नोडल सेंटर हैं और इसमें हिस्सा लेने वालों की संख्या 6,31,207 है.

सरकार का मानना है कि डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल के तहत वर्चुअल लैब एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे समय और खर्च बचाया जा सकेगा. केवल उपकरणों आदि के स्पर्श का अनुभव लेने के लिए ही छात्रों को भौतिक प्रयोगशाला में जाने की जरूरत होगी.

इन लैब्स का लाभ अंडरग्रेजुएट स्तर के छात्रों से लेकर रिसर्च स्कॉलर्स तक उठा सकते हैं. भारत के इस वर्चुअल लैब परियोजना के माध्यम से विज्ञान और इंजीनियरिंग के 9 संकायों के 97 क्षेत्र के लिए 100 से अधिक वर्चुअल लैब में 700 वेब-एनेबल्ड प्रयोग और प्रैक्टिकल करने की सुविधा देश के छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए उपलब्ध हैं.

मसलन, अगर किसी छात्र को वर्चुअल लैब के माध्यम से सर्किट तैयार करना हो तो इस लैब में संबंधित विषय पर सभी उपकरण उपलब्ध हैं और उपयुक्त मात्रक वाले प्रतिरोध का उल्लेख कर छात्र सर्किट बना सकते हैं और वास्तविक आंकड़ा प्राप्त कर सकते हैं. प्रयोग करते समय किसी तरह की गलती में सुधार के लिए भी व्यवस्था की गई है. छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए इस पर प्राध्यापक उपलब्ध रहेंगे. आभाषी माध्यम से प्रयोग इंटरनेट के उपयोग के जरिये किये जा सकते हैं.

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