नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) ब्राजील ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पर वार्ता में अमेरिका केंद्रीय भूमिका में बना हुआ है और पेरिस समझौते से हटने के बाद भी वह सीओपी30 की तैयारी और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
ब्राजील इस वर्ष बेलेम में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की मेजबानी की तैयारी कर रहा है।
सीओपी30 के अध्यक्ष आंद्रे कोर्रिया डो लागो ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों को बताया कि अमेरिका को नजरअंदाज करने का कोई इरादा नहीं है, भले ही डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन जलवायु वार्ता में भाग नहीं लेता है।
कोर्रिया डो लागो ने ‘पीटीआई-भाषा’ के एक प्रश्न के जवाब में कहा, “नहीं, अमेरिका को नज़रअंदाज़ करने का कोई विचार नहीं है क्योंकि अमेरिका इस कवायद में मुख्य देश है। अमेरिकी सरकार अपनी भागीदारी को सीमित कर सकती है, लेकिन एक देश के रूप में, ऐसी अद्भुत प्रौद्योगिकी और नवाचार वाले स्थान के रूप में, अमेरिका सीओपी30 की तैयारी (और) सीओपी30 के दौरान बहुत महत्वपूर्ण तरीके से योगदान दे सकता है। इन चर्चाओं और समाधानों के लिए अमेरिका एक केंद्रीय देश है।”
ब्राजील की पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री मरीना सिल्वा ने पिछले सप्ताह भारत यात्रा के दौरान पत्रकारों को बताया कि अमेरिका विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक तथा एक प्रमुख आर्थिक एवं प्रौद्योगिकीय शक्ति होने के नाते ब्राजील के सीओपी30 लक्ष्यों को ‘कुछ हद तक’ प्रभावित करता है।
अमेरिके के राष्ट्रपति का पद फिर से संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते से अमेरिका को हटा लिया है और देश को उस कोष से भी अलग कर लिया, जिसके तहत विकसित देश जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान और क्षति के लिए विकासशील देशों को मुआवजा देने के वास्ते धनराशि का योगदान करते हैं।
भाषा नोमान मनीषा
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