चंडीगढ़, 20 जून (भाषा) उत्तर अमेरिकी पंजाबी संघ (नापा) ने शुक्रवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) से युद्ध प्रभावित ईरान के तेहरान में एक गुरुद्वारे में रखे गए गुरु ग्रंथ साहिब के ‘सरूपों’ की हिफाजत करने की अपील की।
संघ के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने एसजीपीसी से तत्काल एक चार्टर्ड विमान की व्यवस्था करने और ‘सरूपों’ (गुरु ग्रंथ साहिब की भौतिक प्रति) को पूरे सम्मान के साथ वापस लाने के लिए पांच समर्पित सिखों को भेजने का आग्रह किया।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी द्वारा केंद्र सरकार से ‘सरूपों’ को भारत लाने की व्यवस्था करने की अपील किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चहल ने कहा कि एसजीपीसी के पास इस मामले में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए संसाधन हैं और यह उसकी नैतिक जिम्मेदारी है।
चहल ने कहा, ‘‘यह समय केवल केंद्र सरकार से अपील पर निर्भर रहने का नहीं है। समय बहुत महत्वपूर्ण है, और किसी भी देरी से अपूरणीय परिणाम हो सकते हैं। हम नौकरशाही की प्रक्रियाओं का इंतजार नहीं कर सकते। गुरु ग्रंथ साहिब जी के सरूपों की सुरक्षा और पवित्रता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
इस मामले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए चहल ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार के निर्णय पर निर्भर रहने से खतरनाक देरी हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘एसजीपीसी के पास इस धार्मिक मामले में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए संसाधन हैं और यह उसकी नैतिक जिम्मेदारी है।’’
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा
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