नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने एक रणनीतिक पहल शुरू की है, जो केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र सहित सत्यापित नियोक्ताओं को देश की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की शीर्ष प्रतिभाओं से जुड़ने का अवसर मुहैया करेगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यूपीएससी की ‘प्रतिभा सेतु’, जिसे पहले सार्वजनिक प्रकटीकरण योजना (पीडीएस) के नाम से जाना जाता था, उन गैर-अनुशंसा वाले इच्छुक अभ्यर्थियों के विवरण उपलब्ध कराती है, जो आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के सभी चरण में उत्तीर्ण हो गए, लेकिन अंतिम मेधा सूची में जगह नहीं बना पाए।
यूपीएससी ने एक आधिकारिक नोट में कहा कि यह नियोक्ताओं को गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों का चयन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो अनुशंसित अभ्यर्थियों के समान ही मेधावी होते हैं। साथ ही, यह यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक और अवसर होगा।
इससे पहले, गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों की सूची पीडीएस के तहत आयोग की वेबसाइट पर जारी की जाती थी।
गैर-अनुशंसा वाले उम्मीदवार वे हैं जो लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, लेकिन साक्षात्कार के बाद उनके नाम की अनुशंसा किसी पद के लिए नहीं की जाती है।
यूपीएससी के अनुसार निजी संगठन भी आयोग के पोर्टल का उपयोग कर खुद से पंजीकरण कर सकते हैं।
इस पहल के तहत, अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता और संपर्क नंबर व पता सहित उनका व्यक्तिगत विवरण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
यूपीएससी के अनुसार, उसके पास 10,000 से अधिक इच्छुक अभ्यर्थियों का डेटा बैंक है, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों को उत्तीर्ण कर लिया, लेकिन अंतिम मेधा सूची में जगह नहीं बना पाए।
आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं के लिए लाखों छात्र आवेदन करते हैं।
पीडीएस योजना 20 अगस्त 2018 से लागू है। आयोग ने पहली बार इस योजना का उपयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के लिए उम्मीदवारों की सूची का खुलासा करने के लिए किया था।
हालांकि, अब पीडीएस का नाम बदलकर यूपीएससी ‘प्रतिभा सेतु’ कर दिया गया है।
यूपीएससी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थी और भारतीय वन सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), इंजीनियरिंग सेवा, संयुक्त भू-वैज्ञानिक, संयुक्त रक्षा सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा और संयुक्त चिकित्सा सेवा की परीक्षाओं को इस योजना में शामिल किया गया है।
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