नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2007 में एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार त्रासदी (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े एक मामले को शुक्रवार को बंद कर दिया। इससे पहले नीलम कृष्णमूर्ति ने दोनों आरोपियों द्वारा मांगी गई माफी को स्वीकार कर लिया।
दोनों आरोपियों – प्रवीण शंकर शर्मा और दीपक कठपालिया – तथा शिकायतकर्ता कृष्णमूर्ति ने अदालत से कहा कि ‘बिना शर्त माफी’ स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने समझौता कर लिया है।
कृष्णमूर्ति जब उपहार अग्निकांड त्रासदी से जुड़े मुख्य मामले में कार्यवाही में शामिल होने गई थीं, उस दौरान उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और उनकी तस्वीरें लेने का शर्मा और कठपालिया पर आरोप था।
दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते और शिकायतकर्ता के बयान पर गौर करने के बाद मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ मामले को बंद कर दिया।
न्यायाधीश के समक्ष पेश आवेदन में कहा गया कि दोनों पक्ष अदालत में दिए गए हलफनामे का पालन करेंगे कि समझौते का उपयोग किसी भी कानूनी कार्यवाही में या किसी प्राधिकारी के समक्ष नहीं किया जाएगा।
दोनों आरोपियों ने माफी मांगते हुए अपने आवेदन में कहा, ‘हमें 10 मई, 2007 को पटियाला हाउस अदालत परिसर, नयी दिल्ली में हुई कथित घटना पर खेद है, जहां मुख्य मामले की सुनवाई चल रही थी। हम उस घटना के लिए बिना किसी शर्त के माफी मांगते हैं। हमें खेद है कि हमारे ऐसे कार्यों से आपको (कृष्णमूर्ति) असुविधा और आघात पहुंचा, जो जानबूझकर नहीं किया गया था।”
इस मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को अधिकतम एक साल की कैद हो सकती थी।
उपहार सिनेमा अग्निकांड में कृष्णमूर्ति के दो नाबालिग बच्चों की मौत हो गयी थी।
भाषा अविनाश अनूप
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