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Monday, 30 September, 2024
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लावारिस शवों की अंत्येष्टि करने वाली उप्र की महिला ने ‘200 साल पुराने’ पेड़ का किया अंतिम संस्कार

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(अरुणव सिन्हा)

लखनऊ/मुजफ्फरनगर (उप्र), 29 सितंबर (भाषा) लावारिस शवों की अंत्येष्टि करने वाली 37 वर्षीय शालू सैनी यह कार्य गरीबों की सेवा करने के लिए करती हैं। लेकिन उन्होंने पहली बार एक पेड़ का अंतिम संस्कार कर समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश देने की कोशिश की है।

सैनी (37) ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुजफ्फरनगर जिले में 200 साल पुराना ‘सेमल’ का एक विशालकाय पेड़ पिछले बुधवार को अचानक गिर गया। इस पेड़ का ‘अंतिम संस्कार’ शुक्रवार को जिले के नयी मंडी श्मशान घाट पर किया गया।

इस दौरान, सैनी ने अंत्येष्टि की हिंदू रस्मों के तहत पेड़ के कुछ हिस्से अग्नि में डाले।

सैनी के अनुसार, पिछली करीब पांच पीढ़ियों को अपनी छांव दे चुके इस पेड़ को लेकर गांव के बुजुर्गों के जहन में अनेक यादें बसी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि पेड़ का अंतिम संस्कार उसे ‘मुक्ति’ दिलाने की एक कवायद थी और उन्होंने यह काम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर किया।

उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पेड़ को धराशायी देखा तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने अपने परिवार के किसी बुजुर्ग को खो दिया हो।’

सैनी ने बताया कि पेड़ के अंतिम संस्कार की रस्म शुरू करने से पहले उन्होंने एक पुजारी से सलाह ली। उन्होंने कहा कि उन्होंने पेड़ की अंत्येष्टि के बारे में किसी से कुछ नहीं कहा था और लोगों को बाद में इसकी जानकारी मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे बाबा महाकाल (भगवान शिव) से आदेश मिलता है तो मैं पेड़ों का इस तरह से अंतिम संस्कार करना जारी रखूंगी। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, फूल और फल देते हैं और मुझे लगता है कि वे पूरे सम्मान के साथ विदाई के हकदार हैं।’

सैनी ने कहा कि वह आगामी ‘पितृ विसर्जन अमावस्या’ के दौरान इस पेड़ के लिए ‘हवन’ भी करेंगी।

वह पिछले पांच वर्षों से जिले में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं और गरीबों को उनके प्रियजनों के अंतिम संस्कार की रस्मों में मदद भी करती हैं।

उन्होंने अब तक 3,000 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का दावा किया।

प्रयागराज स्थित ‘राम नाम बैंक’ के संयोजक आशुतोष वार्ष्णेय ने पेड़ के अंत्येष्टि कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘शालू सैनी निश्चित रूप से समाज के सभी वर्गों से प्रशंसा की पात्र हैं।’

उन्होंने कहा कि अगर लोग अपने पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करते हैं, तो पेड़ का क्यों नहीं होना चाहिए।

वार्ष्णेय ने कहा कि भगवान राम को समर्पित धार्मिक संगठन, ‘राम नाम बैंक’ 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में सैनी को सम्मानित करेगा।

भाषा

सलीम सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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