लखनऊ, 13 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार का नगर विकास विभाग 324.56 करोड़ रूपये से प्रदेश में 2,700 “स्मार्ट क्लास रूम” बना रहा है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप नगर विकास विभाग ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों विशेष रूप से परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को डिजिटल और आधुनिक स्वरूप देने के उद्देश्य से यह बड़ा कदम उठाया है।
नगर विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 324.56 करोड़ रुपये की लागत से 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम्स की स्थापना की गई है, जिनमें से लगभग 1,780 स्मार्ट क्लास रूम पूरी तरह तैयार हो कर संचालित हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग की इस सराहनीय पहल का लाभ विशेष रूप से शहर के निम्न आय वर्ग के छात्रों को मिल रहा है। जो एक ओर डिजिटल व आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं साथ ही वो तकनीकी रूप से भी सक्षम बन रहे हैं। इसका परिणाम है कि प्रदेश के शहरी परिषदीय स्कूलों के नामांकन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
नगर विकास विभाग ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न आय वर्ग के छात्रों को आधुनिक एवं डिजीटल शिक्षा की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किये हैं। ये क्लासरूम्स इंटरएक्टिव डिजिटल बोर्ड्स, मल्टीमीडिया लर्निंग कंटेंट और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं, जिससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक प्रभावशाली और इंटरैक्टिव बनाया जा रहा है।
स्मार्ट क्लास रूम के बारे में बताते हुए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि हम शहरी शिक्षा को एक नए आयाम में ले जा रहे हैं। ये स्मार्ट क्लासरूम्स न केवल छात्रों को तकनीक से जोड़ रहे हैं बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस पहल का सकारात्मक परिणाम विशेष रूप से शहर के परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति दर और नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
नगर विकास विभाग के प्रयास से विभिन्न योजनाओं के तहत 2022 से शुरू हुये इस अभियान के तहत स्वीकृत 65 प्रतिशत से अधिक स्मार्ट क्लास रूम का संचालन हो रहा है। जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर बढ़कर 59.6 प्रतिशत हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से भी लगभग 15 प्रतिशत अधिक है।
भाषा
आनन्द, रवि कांत रवि कांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.