नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) सिविल जज 2018 के चयनित उम्मीदवारों का अभी वेरिफिकेशन चल ही रहा है कि उनके सामने एक और समस्या आ खड़ी हुई है. चयनित हुए 610 उम्मीदवारों में से 497 उम्मीदवारों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, जाति, घर का पता और मोबाइल नंबर ‘अनमैरिड पीसीएस जे 2018’ नाम की एक लिस्ट के जरिए व्हॉट्सेप और फेसबुक पर वायरल हो रहे हैं.
इस लिस्ट में ओबीसी, सामान्य और एससी कैटेगरी के सभी अविवाहित उम्मीदवारों की निजी जानकारियां लिखी हुई हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर एक और मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है कि इस लिस्ट से चयनित उम्मीदवारों की प्राइवेसी में दखल डाला गया है. साथ ही लिखा है कि महिला उम्मीदवारों का हैरेसमेंट हो रहा है. संभवत: ये मैसेज चयनित हुए किसी उम्मीदवार का ही लिखा हुआ है.
दिप्रिंट ने इस लिस्ट में दिए गए नबंरों की पड़ताल की और पाया कि सारी जानकारियां सही दी गई हैं. इस लिस्ट में मौजूद 25 लोगों से बात करने पर पता चला कि इस लिस्ट के बहुत से उम्मीदवारों के पास शादी के प्रपोज़ल आ रहे हैं. हालांकि ज्वॉइनिंग से पहले मीडिया में नाम आने के डर से ज्यादातर लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर ही अपने अनुभव शेयर किए.
बिजनौर से आने वाली एक महिला उम्मीदवार ने बताया, ‘ये लिस्ट 23 अगस्त से वायरल हो रही है. मेरी एक दोस्त के पास उस दिन सुबह-सुबह पांच फोन लगातार आए. मेरे पास भी फोन आ रहे हैं. लेकिन मैंने उठाना बंद कर दिया है. शुरू में आए 4-5 मैसेजेस का जवाब दिया. ज्यादातर लोग सरनेम और जाति कन्फर्म कर रहे हैं. एक लड़के ने बताया कि वो मुझे जाट फैमिली के ग्रुप में जोड़ना चाहता है.’
वहीं एक अन्य महिला उम्मीदवार का कहना है, ‘शुरू में मुझे लगा कि ये आधिकारिक तौर पर फैलाई गई है क्योंकि इतनी निजी जानकारी हमने अपने एप्लिकेशन फॉर्म में ही भरी थी. वेबसाइट पर भी नाम और रोल नंबर ही पब्लिश किया जाता है. इतनी जानकारी सिर्फ यूपी पीएससी के पास ही होती है. 2016 पीएससी के बैच की एक लिस्ट भी व्हॉट्सऐप पर आई थी. उसमें भी अविवाहित लोगों की निजी जानकारी लिखी हुई थी. हम मानसिक स्तर पर परेशान हो गए हैं. कुछ सीनियर बैच के जज भी अपने परिवारों के जरिए हमसे संपर्क कर रहे हैं. कुछ परिवार तो मोरल पुलिसिंग कर रहे हैं कि इतनी उम्र में शादी कर लेनी चाहिए.’
ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिला उम्मीदवारों को ही इस तरह के प्रपोजल आ रहे हैं, पुरुष उम्मीदवार भी खासे परेशान हो गए हैं. किसी के पास 20 फोन आ चुके हैं तो किसी के पास पांच.
एक चयनित महिला ने बताया, ‘एक दो लोगों ने मेरे मां-बाप का नंबर ले लिया. उसके बाद उन्होंने मेरे कद, रंग और दहेज जैसी बातें भी पूछनी शुरू कर दी. जब मेरे माता पिता ने मना करना शुरू किया तो उनके मन में मेरी उम्र को लेकर खौफ बैठाया गया. ‘
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जुलाई 2019 को सिविल जज के इंटरव्यू के नतीजे घोषित किए थे. जिसकी प्राथमिक परीक्षा साल 2018 में ही संपन्न हो गई थी. इंटरव्यू के नतीजों के एक महीने बाद ही ये लिस्ट व्हॉट्सऐप के ज़रिए फैलाई जा रही है. अभी हाल ही में इन उम्मीदवारों की मेडिकल प्रोसेस पूरी हुई है.
2016 में हुए यूपी पीएससी के एक और एग्जाम का परिणाम जनवरी 2019 में आया है. डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार, पुलिस उपाधीक्षक, वाणिज्य कर अधिकारी समेत कई और महकमों की भर्तियों को लेकर ये एग्जाम हुआ था. इस की लिस्ट की सत्यता जांचने के लिए दिप्रिंट ने इस बैच के चयनित लोगों से बात की जिसमें इस लिस्ट को अनमैरिड पीसीएल 2016 के नाम से बनाया गया है जहां 460 अलग-अलग पद पर चयनित उम्मीदवारों के नाम, जाति, जन्मतिथि, पिता का नाम व पता लिखा है.
इस लिस्ट में शामिल बलिया से आने वाले एक उम्मीदवार ने बताया, ‘मेरे घर 10 परिवार आ चुके हैं और अब 10-12 शादी के लिए फोन आए हैं. जब मुझे पता चला कि ऐसी कोई लिस्ट आई है तो मैंने अनजान नंबरों के फोन उठाने बंद कर दिए. जब मेरी ज्वॉइनिंग हो जाएगी तब ही शादी पर विचार किया जाएगा.’
वहीं, परीक्षा आयोजित कराने वाले यूपी पीएससी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘ये लिस्ट तो हर साल निकलती है. इसमें पर्सनल डिटेल जैसा कुछ नहीं है. अच्छा है कि लोगों के लिए शादी करना आसान हो जाता है. पहले सोशल मीडिया नहीं था तो लोग दफ्तर में ही चयनित अविवाहित लोगों की डिटेल मांगने आते थे. ये एक परंपरा की तरह है. इसमें कोई बुराई नहीं है.’
वहीं, दूसरी ओर यूपी पीएससी डिप्टी सेक्रेटरी सत्य प्रकाश ने कहा, ‘अभी तक इस मामले को लेकर किसी भी उम्मीदवार ने कोई शिकायत नहीं की है. ना ही पिछले सालों के कैंडिडेट ने और ना उससे पहले के किसी बैच ने. जब तक कोई शिकायत नहीं होगी तब तक हम क्या कैसे कार्रवाई करें?’