लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से धर्मांतरण पर रोक से जुड़े अध्यादेश (उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020) के बाद से ही शादी रोकथाम को लेकर तमाम तरह के मामले सामने आ रहे हैं जिनमें ‘लव जिहाद’ के शक में पुलिसिया कार्रवाई हो रही है.
पिछले दिनों लखनऊ में मुस्लिम लड़का और हिंदू लड़की और उसके परिवार के राजी होने के बावजूद शादी रोक दी गई थी. मंगलवार कुशीनगर जिले के कसया थाना क्षेत्र के गुरमिया गांव के एक घर में पुलिस पहुंची और वहां मौजूद एक जोड़े और मौलवी को थाने ले गई. जहां लव-जिहाद के शक के आधार पर पुलिस ने मौलवी समेत एक जोड़े को हिरासत में ले लिया. बाद में हुई पूछताछ में पता चला कि वो दोनों एक ही धर्म के हैं पुलिस ने तीनों को बाद में जाने दिया.
यह भी पढ़ें: ‘लव जिहाद’ पर UP में प्रस्तावित कानून में इस शब्द का जिक्र तक नहीं, जुर्माने के साथ होगी 5 से 10 साल की सजा
कब क्या हुआ
दरअसल, पुलिस को कुछ स्थानीय लोगों द्वारा जानकारी दी कि आजमगढ़ से एक हिंदू युवती हैदर नाम के युवक के घर आई है और दोनों गुपचुप तरीके से मौलवी की मौजूदगी में शादी करने जा रहे हैं. इस सूचना के आधार पर पुलिस उनके घर पहुंची और मौलवी एजाज़ खान व लड़का-लड़की को थाने लेकर चली गई.
दिप्रिंट से बातचीत में कसया थाना क्षेत्र के सीओ (सर्किल ऑफिसर) पीयूष कांत राय ने कहा, ‘पुलिस को पहले लव जिहाद की सूचना दी गई थी, जिस कारण पुलिस तुरंत वहां पहुंची. बाद में पूछताछ में पता चला की दोनों एक ही धर्म के हैं और एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं.’
अधिकारी ने बताया, ‘लड़की आजमगढ़ से भागकर आई थी. उसके पिता ने आजमगढ़ में लड़की की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.’
सीओ के मुताबिक, ‘लड़के का नाम हैदर है और लड़की का नाम शबीला खातून है. हैदर के घर के आसपास रहने वाले कुछ लोगोंं को लगा कि गांव में लव-जिहाद हो रहा है और बिना प्रशासन की परमिशन के शादी हो रही है इसी कारण पुलिस की एक टीम वहां पहुंचीं.’
कसया थाने के एसओ संजय कुमार के मुताबिक, ‘कुछ ग्रामीण व स्थानीय मीडिया के लोगों ने लव-जिहाद के नाम पर गलत जानकारी फैलाई जिस कारण पुलिस को उस जोड़े और और मौलवी को बुलवाकर मामले की जांच करनी पड़ी.’
संजय कुमार ने दिप्रिंट से बातचीत में यह भी कहा कि अगर हम जांच नहीं करते तो कहा जाता कि जनता की बात का पुलिस संज्ञान नहीं ले रही. ‘हमने लड़की के पिता को भी जानकारी दे दी है. लड़की अपने घर में बिना-बताए यहां आई हुई थी, वह अब अपने घर नहीं जाना चाह रही है. पास के ही रहने वाले कुछ लोगों ने पुलिस चौकी में संपर्क कर गांव में लव-जिहाद की बात कही जिस कारण पुलिस को सबको थाने बुलाना पड़ा. लड़की ने साबित किया कि वह मुस्लिम है तो इसमें लव-जिहाद का सवाल ही नहीं. दोनों एडल्ट हैं. इस मामले में किसी को गिरफ्तार या कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.’
हालांकि दिप्रिंट ने लड़का लड़की और परिवार वालों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अपने मामले को निजी बताकर बात करने से मना कर दिया है.
बीते 2 दिसंबर को लखनऊ में पुलिस ने एक हिंदू-मुस्लिम जोड़ा मोहम्मद आदिल और रैना गुप्ता की शादी रुकवा दी थी जबकि दोनों के परिवार वाले राजी थे.
एक दर्जन मामलों में हुई अब तक एफआईआर
पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए दोनों को दो महीने का नोटिस देने को कहा था. पारा थाने के नरपतखेड़ा इलाके में होने वाली ये शादी कुछ हिंदूवादी संगठन के नेताओं की शिकायत के बाद रोक दी गई. पुलिस के डर से दोनों परिवारों का कहना था कि जैसा कहा जाएगा वो वैसा करेंगे. वे किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते. हालांकि इस शादी में कहीं भी धर्म-परिवर्तन जैसा उनका कोई इरादा नहीं था.
यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक एफआईआर नए अध्यादेश के बाद दर्ज हो चुकी हैं. कुछ मामलों में तो गिरफ्तारी भी हुई थी.
लव जिहाद का पहला केस प्रदेश के बरेली जिले में 28 नवंबर को दर्ज किया गया था. योगी सरकार कैबिनेट मीटिंग के दौरान गैर कानूनी तरीके से धर्मांतरण पर रोक से जुड़े अध्यादेश लाई थी जिसे बाद में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन ने मंजूरी दे दी थी.इस कानून के तहत, धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 1 से 10 साल की सज़ा होगी. शादी के लिए धर्मांतरण रोकने विधेयक में प्रावधान है कि लालच, झूठ बोलकर या जबरन धर्म परिवर्तन या शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा.
यह भी पढ़ें: UP में ‘लव जिहाद’ का पहला केस दर्ज, लड़की के पिता की शिकायत पर दर्ज हुई FIR