नोएडा, 24 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के नोएडा में आलीशान बंगलों, बहुमंजिला इमारत वाली सोसाइटी के अलावा गांवों से लेकर झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनका अकेलापन दूर करने के लिए पुलिस ने ‘ऑपरेशन सवेरा’ नामक एक अनूठी पहल की है।
इस पहल से नोएडा अब एक सामाजिक संवेदनशीलता की मिसाल भी बन रहा है।
नोएडा की पुलिस बुजुर्गों की सुरक्षा और उनके अकेलेपन को दूर करने के लिए ‘ऑपरेशन सवेरा’ नामक एक सराहनीय पहल चला रही है। यह अभियान 21 मई से शुरू होकर चार जून तक चलेगा, जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार के निर्देश पर की गई है।
इस अभियान का उद्देश्य उन वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा और मानसिक संबल प्रदान करना है, जो अपने परिवार से दूर अकेले जीवन बिता रहे हैं। नोएडा के सेक्टर-20, 15, 15A, 14, 27, 28, 29, 36, 21, 25, 39, 40, 41, 42, 46 और 47 सहित तमाम बहुमंजिला इमारत वाली सोसाइटी, कॉलोनियों और गांवों में ऐसे बुजुर्ग रहते हैं, जिनके परिवारजन अन्य शहरों या विदेशों में नौकरी कर रहे हैं। उनके पास धन की कमी नहीं, पर अपनों की कमी उन्हें असुरक्षित और अकेला महसूस कराती है।
ऑपरेशन सवेरा के तहत बीट कांस्टेबल को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। वे अपने क्षेत्र में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची तैयार कर रहे हैं, उनसे उनके घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं, और एक परिवारिक सदस्य की तरह बैठकर बातचीत कर रहे हैं। इन सिपाहियों के पास बुजुर्गों के मोबाइल नंबर, उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों की जानकारी दर्ज की जा रही है। थानों में एक विशेष रजिस्टर तैयार किया जा रहा है जिसमें यह दर्ज होगा कि कब किस बुजुर्ग से कौन पुलिसकर्मी मिला या बात की।
इस डेटा बैंक की मदद से पुलिस अधिकारी समय-समय पर फोन कॉल या मुलाकात के जरिए बुजुर्गों से संवाद बनाए रखेंगे। इससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी संबल मिलेगा।
सेंट्रल जोन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि अभियान के अंतर्गत हर बीट सिपाही को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में बुजुर्गों से संवाद बनाए रखें और उनके दुख-सुख में भागीदार बनें। उन्होंने बताया कि इससे बुजुर्गों में भरोसा और सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।
भाषा
सं, रवि कांत रवि कांत
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