बाराबंकी (उप्र), 30 मई (भाषा) बाराबंकी की एक विशेष अदालत ने अपनी पहचान छिपाकर एक युवती को अपने जाल में फंसाने और दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि देवा थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि लखनऊ जिले के इटौंजा थाना क्षेत्र का रहने वाला सलमान 13 दिसम्बर 2023 को उसकी बहन को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी सलमान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।
तिवारी ने बताया कि विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सलमान के विरुद्ध भारतीय दंड विधान, दलित अधिनियम और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में पेश किए गए गवाहों के बयानों से यह जाहिर हुआ कि खुद को सुमित बताने वाले आरोपी सलमान ने वादी की बहन को अपने जाल में फंसाया और उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया।
विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी अदालत) वीना नारायन ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बृहस्पतिवार को आरोपी सलमान को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास और 80 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
भाषा सं सलीम नरेश मनीषा
मनीषा
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