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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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उप्र सरकार का निर्णय, धार्मिक स्थलों और पर्यटन केंद्रों पर मिलेगी होमस्टे की सुविधा

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लखनऊ, तीन जून (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) एवं होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी दे दी गई।

नयी नीति का उद्देश्य राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को ठहरने की बेहतर और सुलभ सुविधा प्रदान करना है।

पर्यटन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, अक्सर देखने में आता है कि प्रमुख धार्मिक या पर्यटन स्थलों पर होटल पूरी तरह से भर जाते हैं, जिससे पर्यटकों को रुकने में परेशानी होती है और इसी समस्या के समाधान के लिए यह नीति तैयार की गई है।

लोकभवन के सभागार में आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्ताव अनुमोदन के लिए रखे गए, जिसमें कैबिनेट ने 10 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।

बीएंडबी एवं होमस्टे नीति-2025 के अनुसार धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों में कोई भी व्यक्ति अपने एक से 6 कमरों तक की इकाई को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा सकता है। इसके तहत, अधिकतम 12 बिस्तरों की अनुमति होगी। कोई भी पर्यटक लगातार सात दिन तक इस सुविधा का लाभ उठाते हुए यहां ठहर सकता है।

इससे अधिक ठहरने की स्थिति में नवीनीकरण की भी व्यवस्था होगी। अनुमति की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई वाली कमेटी के माध्यम से पूरी की जाएगी।

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे इकाइयों के लिए 500 रूपये से 750 रूपये तक का नाममात्र शुल्क लिया जाएगा।

वहीं, शहरी या सिल्वर श्रेणी के होमस्टे के लिए 2000 रूपये का आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जीवंत सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों के कारण यह राज्य विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

राज्य में पहले ऐसी कोई नीति न होने के कारण होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था। अब राज्य सरकार की इस नई नीति के तहत वे स्थानीय निकायों की अनापत्ति लेकर सरल प्रक्रिया से पंजीकरण कर सकेंगे।

खन्ना ने बताया कि इसके अतिरिक्त, इस नीति में आर्थिक प्रोत्साहन और अनुदान की भी व्यवस्था की गई है ताकि राज्य के निवासियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे अपने घरों को पर्यटन हित में उपयोग करें।

इस नीति के लागू होने से न केवल पर्यटकों को सस्ते और सुविधाजनक ठहरने का विकल्प मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह नीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन अवसंरचना को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।

भाषा जफर रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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