लखनऊ, 12 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार 12 से 19 जून तक प्रदेश में ‘बाल श्रम निषेध सप्ताह’ मनायेगी।
उम्मीद है कि ‘यूनिसेफ’ के सहयोग से मनाये जाने वाले कार्यक्रम से प्रदेश में बाल श्रम के समूल उन्मूलन की आवश्यकता एवं प्रयासों को बल मिलेगा।
प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर के हवाले से राज्य सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, सरकार आज से ही ‘बाल श्रम निषेध सप्ताह’ मनायेगी। इस अभियान का समापन 19 जून को लखनऊ में होगा।
उन्होंने बताया कि इससे उत्तर प्रदेश में बाल श्रम के समूल उन्मूलन की आवश्यकता और प्रयासों को बल मिलेगा। एक सप्ताह के इस अभियान में यूनिसेफ उत्तर प्रदेश सरकार का भागीदार होगा।
बयान के अनुसार, श्रम मंत्री राजभर ने स्विट्जरलैंड की राजधानी जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) में बाल श्रम पर आयोजित एक महत्वपूर्ण सत्र में भाग लिया।
राजभर ने कहा, “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन से प्रेरित होकर भारत ने पिछले 11 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा कवरेज के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है।”
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज की ऐतिहासिक वृद्धि को मान्यता दी है और यह वर्ष 2015 में मात्र 19 प्रतिशत थी जो 2025 में बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गई है।
मंत्री ने कहा कि भारत अब 94 करोड़ से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान कर विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि भारत में सामाजिक सुरक्षा का यह विस्तार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों, श्रमिकों एवं असंगठित क्षेत्र के हितों पर केंद्रित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
बयान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपने आधिकारिक डैशबोर्ड पर भारत की इस उपलब्धि को प्रकाशित किया है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हांगबो ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की गरीबों और श्रमिकों के प्रति प्रतिबद्ध कल्याणकारी नीतियों की सराहना की है।
भाषा सलीम नोमान
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