लखनऊ: यूपी में एडीजी रूल्स मैनुअल के पद पर तैनात आईपीएस जसवीर सिंह को गुपचुप तरीके से सस्पेंड कर दिया है. माना जा रहा है कि अंग्रेजी वेबसाइट हफिंगटन पोस्ट को दिए गए इंटरव्यू के कारण आईपीएस अफसर जसवीर सिंह को योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. जसवीर 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं. उन पर ड्यूटी के दौरान ‘लापरवाही’ बरतने का आरोप है. मीडिया को इसकी जानकारी तो नहीं दी गई, लेकिन यूपी पुलिस की वेबसाइट पर एडीजी अंडर सस्पेंशन लिख दिया गया है. यूपी डीजीपी के पीआरओ ने भी सस्पेंशन की पुष्टि की है.
स्क्रीनशाॅट सस्पेंशन का
बता दें कि जसवीर सिंह ने ही 2002 में महाराजगंज के एसपी रहते हुए योगी आदित्यनाथ पर रासुका के तहत कार्रवाई की थी. हालांकि, उसके दूसरे दिन जसवीर का फूड सेल में तबादला कर दिया गया था. कुछ दिन पहले जसवीर ने हफिंगटन पोस्ट को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि मैं आईपीएस अफसर हूं. मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता. इसके बाद 14 फरवरी को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
ये रहा इंटव्यू का लिंक
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो जसवीर सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है. वह बतौर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रूल्स ऐंड मैन्युअल शाखा में तैनात थे.
जसवीर ने इस इंटरव्यू में कई विवादित बातें कही जो बतौर सर्विंग पुलिस ऑफिसर नियमों के खिलाफ थीं. उनसे इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन जवाब न देने पर राज्य सरकार ने उन्हें पिछले हफ्ते सस्पेंड कर दिया. जसवीर ने फिलहाल अपना फोन स्विच आॅफ किया हुआ है.
1992 बैच के आईपीएस जसवीर सिंह ने एसपी रहते हुए योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई की थी. इसके अलावा उन्होंने प्रतापगढ़ के एसपी के पद पर रहते हुए विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ भी कार्रवाई की थी. इसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया. उन्होंने 2007 में राज्य सरकार से सुरक्षा की भी मांग की थी. उनका आरोप था कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजा भैया से उन्हें जान का खतरा है.
आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी व सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकूर ने भी ये मुद्दा जोर-शोर से उठाया. उन्होंने इसे सीक्रेट सस्पेंशन बताया है, जिसमें सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से आईपीएस जसवीर पर कार्रवाई की गई. उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है. सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है.