लखनऊ, 10 मार्च (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या रोड स्थित ‘चरण क्लब एंड रिसॉर्ट’ में 2012 में कथित तौर पर शराब पीकर हंगामा करने वाले प्रशिक्षु न्यायाधीशों को सेवा से हटाने संबंधी सभी आदेशों को निरस्त कर दिया है।
पीठ ने उन्हें फिर से परिवीक्षाधीन अधिकारी के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह, न्यायमूर्ति मनीष माथुर और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पूर्णपीठ ने प्रशिक्षु न्यायाधीश सुधीर मिश्रा और सात अन्य प्रशिक्षु न्यायाधीशों की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जिन आरोपों के आधार पर प्रशिक्षु न्यायाधीशों को हटाया गया था, वे उन पर कलंक लगाने वाले है, इसके बावजूद उन्हें हटाए जाने से पहले अपना पक्ष रखने का कोई अवसर नहीं दिया गया, जो सुनवाई का अवसर दिए जाने के स्थापित सिद्धांत के विरुद्ध है।
यह मामला 2012 का है और रिसॉर्ट में कथित रूप से हंगामा करने वाले सभी प्रशिक्षु न्यायाधीश 2012 बैच के हैं।
भाषा सं आनन्द सिम्मी
सिम्मी
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.