(किशोर द्विवेदी)
नोएडा(उत्तर प्रदेश), नौ अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में फर्जी पहचान पत्र ‘प्रिंट’ करने वाली ऐसी सैकड़ों वेबसाइट संचालित की जा रही हैं, जो लोगों की व्यक्तिगत जानकारियों का इस्तेमाल कर उनके साथ ठगी कर रही हैं। एक साइबर सुरक्षा शोध कंपनी ने यह जानकारी दी है।
बेंगलुरु की क्लाउडसेक नामक कंपनी ने दावा किया है कि ये वेबसाइट सस्ती दरों पर आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि पहचान पत्र बनाने और उन्हें घर तक पहुंचाने का इश्तहार देती हैं।
उसने कहा कि लोगों की व्यक्तिगत जानकारियों का इस्तेमाल सोशल इंजीनियरिंग हमलों (लालच देकर गोपनीय जानकारी जुटा लेना और ठगना) , पहचान की चोरी, धोखाधड़ी आदि के लिए किया जाता है। उसके अनुसार, इसका इस्तेमाल अनधिकृत वित्तीय विनिमय करने तथा अवैध रूप से सिम कार्ड जारी करने के लिए भी किया जा सकता है।
क्लाउडसेक ने अपने नये अध्ययन में पाया कि कोविड-19 महामारी के बाद इसतरह के साइबर हमले करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई और वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैं।
इस संबंध में संपर्क किये जाने पर उत्तर प्रदेश के पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध) त्रिवेणी सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उनके विभाग के पास ऐसी शिकायतें पहले से हैं तथा वह ऐसे मामलों की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा , ‘‘ ऐसे मामले बड़े शहरों खासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों से आ रहे हैं।’’
सिंह ने लोगों से किसी भी ऑनलाइन अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या साइबर क्राइम डॉट गर्वन डॉट इन पर तत्काल देने की अपील की।
पूर्व में, क्लाउडसेक की कृत्रिम मेधा जोखिम मंच ने उत्तर प्रदेश स्थित विभिन्न समूहों द्वारा किये गये पहचान पत्र प्रिंटिंग फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।
इसने कहा, ‘‘अपने पहचान पत्र के डेटा केवल आधिकारिक वेबसाइट पर डालें। किसी अन्य साइट पर डालते समय सावधान रहें।’’
भाषा
राजकुमार सुभाष
सुभाष
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