लखनऊ, दो सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों और संस्थानों में आउटसोर्स कर्मचारियों को 16,000 से 20,000 रुपये मासिक मानदेय देने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
मंत्रिमंडल ने आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार और ऐसी नियुक्तियों में आरक्षण बढ़ाने को भी मंज़ूरी दी।
सरकारी विभागों और संस्थानों के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं का प्रबंधन उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम के माध्यम से किया जाता है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुच्छेद 8 के तहत गठित एक गैर-वित्तीय, गैर-लाभकारी सार्वजनिक कंपनी है।
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि निगम सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से सेवा प्रदाताओं का चयन करेगा।
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रति माह 26 कार्य दिवसों के लिए नियुक्त किया जाएगा, उन्हें प्रत्येक माह की एक और पांच तारीख के बीच मानदेय मिलेगा और उनकी नियुक्ति अवधि तीन साल की होगी।
खन्ना ने कहा कि सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के खर्च के लिए 15,000 रुपये दिए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि यह आरक्षण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों, दिव्यांगजनों और महिलाओं की आउटसोर्सिंग आधारित नियुक्तियों में लागू होगा।
खन्ना ने कहा, ‘अब तक, मानदेय या वेतन के रूप में दी जाने वाली राशि सेवा प्रदाता के खाते में जमा की जाती थी, जिसके कारण कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलने की शिकायतें आती थीं।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन, बेहतर सेवा शर्तों और आरक्षण का लाभ मिले।’
भाषा सलीम मनीषा जोहेब
जोहेब
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