लखनऊ/बरेली, 25 अप्रैल (भाषा) यूपी बोर्ड की परीक्षाएं देने वाले कैदियों में से 87 प्रतिशत से अधिक कैदियों ने सफलता हासिल की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषित नतीजों के हवाले से यह जानकारी दी।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय केंद्रित शैक्षिक कार्यक्रमों, ‘ईच वन टीच वन’ पहल और कारागारों में चलाए जा रहे शैक्षणिक सहायता को दिया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 10वीं कक्षा (हाईस्कूल) की परीक्षा देने वाले 92 कैदियों में से 90 उत्तीर्ण हुए हैं। इस प्रकार हाईस्कूल की परीक्षा देने वाले कैदियों में से 97.82 प्रतिशत ने सफलता हासिल की जो राज्य के औसत 90.11 प्रतिशत से काफी अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक 56 कैदियों ने हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है, जो कुल सफल उम्मीदवारों का 62.22 प्रतिशत है।
आंकड़ों के मुताबिक 12वीं कक्षा (इंटरमीडिएट) की परीक्षा देने वाले 102 कैदियों में से 89 उत्तीर्ण हुए हैं। इस प्रकार परीक्षा देने वाले कैदियों में से 87.25 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए हैं जो राज्य के औसत 81.15 प्रतिशत से बेहतर है। बारहवीं कक्षा में 11 कैदियों ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की है।
एक अधिकारी ने बताया कि बरेली केंद्रीय कारागार-2 के छह कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी थी और सभी उत्तीर्ण हुए हैं।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद’ (यूपी बोर्ड) द्वारा आयोजित परीक्षा में कुल छह कैदी शामिल हुए थे, जिनमें से तीन कैदियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की जबकि एक कैदी ने 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
मिश्रा ने बताया, ‘‘10वीं कक्षा में रवि ने 75.16 प्रतिशत, शिवम ने 71.30 प्रतिशत और नदीम ने 75.33 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।’’
उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल कैदी महेश ने 62.60 प्रतिशत (प्रथम श्रेणी में) अंक हासिल किए जबकि फैजान खान (53 प्रतिशत) और अशोक कुमार (51 प्रतिशत) द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए।
मिश्रा ने सभी सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और मिठाई बांटी। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने उन्हें (कैदियों को) जिम्मेदार नागरिक बनने के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।’’
मिश्रा ने बताया जेल प्रशासन ने बोर्ड परीक्षा में पंजीकृत कैदियों के लिए जेल के अंदर विशेष अध्ययन की व्यवस्था की थी।
उन्होंने बताया कि दिलचस्प बात यह है कि शिक्षण सहायता उन साथी कैदियों द्वारा प्रदान की गई थी, जिन्होंने पहले शैक्षणिक योग्यता हासिल की थी।
मथुरा से मिली जानकारी के मथुरा जिला जेल में विभिन्न मामलों में विचाराधीन आठ कैदियों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में सफलता हासिल की है। इनमें से एक कैदी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ है।
जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने बताया कि आठ विचाराधीन कैदियों में से पांच ने 10वीं कक्षा की और तीन कैदियों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी और सभी उत्तीर्ण हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सुनील ने हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है जबकि मोहम्मद आबिद, रतन सिंह, श्याम सुंदर और सुंदरलाल को द्वितीय श्रेणी प्राप्त हुई है।
इनके अलावा इंटरमीडिएट परीक्षा में राम अवतार ने द्वितीय श्रेणी में तथा हरवेश कुमार ने तृतीय श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की।
उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने इस सफलता का श्रेय अपने ‘ईच वन टीच वन’ कार्यक्रम को देता है, जिसमें शिक्षित कैदी साथी कैदियों को पढ़ाते हैं।
विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार साक्षरता और सीखने में सहायता के लिए 10 से अधिक महिला बैरकों सहित 27 कारागारों में स्मार्टबोर्ड लगाए गए हैं।
बयान में कहा गया कि कैदियों को बुनियादी से लेकर उच्च शिक्षा तक प्राप्त करने का अवसर दिया जाता है। उन्हें इग्नू और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से संबद्ध अध्ययन केंद्र डिग्री हासिल करने का अवसर मिलता है।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य जीवन में सुधार लाना और कैदियों को जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज में वापस लौटने में सक्षम बनाना है।’’
यूपी बोर्ड ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए।
अधिकारियों के अनुसार, 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले 90.11 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं जबकि 12वीं कक्षा में कुल 81.15 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की।
भाषा सं जफर धीरज
धीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.