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Saturday, 23 November, 2024
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किसान आंदोलनकारियों को UP BJP की चेतावनी- ‘ओ भाई जरा संभलकर जइयो लखनऊ’

किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश में अपने आंदोलन के लिए चार चरणों की रणनीति बनाई है. किसान नेताओं ने दिल्‍ली की तरह लखनऊ को भी चारों तरफ से घेरने की चेतावनी दी है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आठ महीने से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इसी दौरान आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली और उत्‍तर प्रदेश राज्‍य के सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है.

किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश में अपने आंदोलन के लिए चार चरणों की रणनीति बनाई है. किसान नेताओं ने दिल्‍ली की तरह लखनऊ को भी चारों तरफ से घेरने की चेतावनी दी है.


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यूपी बीजेपी ने दिया कार्टून से संदेश

राकेश टिकैत की घोषणा के बाद यूपी भाजपा के ट्विटर एकाउंट से कार्टून के साथ मजाकिया लेकिन लगभग चेतावनी दी है.

बीजेपी उत्तर प्रदेश के ट्विटर एकाउंट पर लिखा है, ‘ ओ भाई जरा संभल कर जइयो लखनऊ में…’

कार्टून में किसान आंदोलन की गदा लिए एक किसान को दिखाया गया है..जो दिल्ली को को पकड़े हुए है वहीं दूसरी साइड बाहुबली को दिखाया गया है…बाहुबली किसान को चेतावनी दे रहा है.’ सुना लखनऊ जा रहे तम… किमें पंगा न लिए भाई.. योगी बैठया है बक्कल तार दिया करे और पोस्टर भी लगवा दिया करे..’

वैसे समय समय पर बीजेपी यूपी कार्टून द्वारा संदेश देने का काम करती रही है. इससे पहले जब बेरोजगारी को लेकर विपक्षी पार्टियों से योगी सरकार को घेरा था तब भी बीजेपी के ट्विटर हैंडल ने फर्क साफ है के संदेश के साथ कार्टून शेयर किया था..उससे पहले अपराधियों की धड़ पकड़ को लेकर भी यूपी बीजेपी के सोशल मीडिया ने ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री को हीरो बताया था.

क्या कहा था किसान नेता ने

पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘अब लखनऊ को भी दिल्‍ली की तरह बनाया जाएगा और जिस तरह दिल्‍ली में चारों तरफ के रास्‍ते सील हैं, ऐसे ही लखनऊ के चारों तरफ के रास्‍ते किसानों द्वारा सील किये जाएंगे. हम इसकी तैयारी करेंगे.’

टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, ‘तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने तथा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा ऐतिहासिक किसान आंदोलन आठ माह पूरे कर चुका है. इन आठ महीनों में किसानों के आत्मसम्मान और एकता का प्रतीक बना यह आंदोलन अब किसान ही नहीं देश के सभी संघर्षशील वर्गों का लोकतंत्र बचाने और देश बचाने का आंदोलन बन चुका है.’

नेताओं ने कहा कि अब आंदोलन को और तीव्र, सघन तथा असरदार बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे राष्ट्रीय आंदोलन के अगले पड़ाव के रूप में मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से शुरू करने का फैसला किया है. नेताओं ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आंदोलन की धार तेज होगी.

किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी टोल प्लाजा को निशुल्क करने की मांग की . उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि पूंजीपतियों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं तथा भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध और उनके नेताओं का बहिष्कार किया जाए. उन्होंने बताया कि इस मिशन को कार्य रूप देने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में बैठकों, यात्राओं और रैलियों का सिलसिला शुरू किया जाएगा.


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