नई दिल्ली: संसद में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की भाजपा प्रवक्ता अनिला सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें दोनों सदनों में केवल एक ‘मर्द सभा’ दिखाई देती है.
सिंह संजय कुमार की किताब ‘वीमेन वोटर्स इन इंडियन इलेक्शन चेंजिंग ट्रेंड्स एंड इमर्जिंग पैटर्न्स’ पर एक पैनल डिस्कशन को संबोधित कर रही थीं, जिसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज और कोनराड एडेनौर स्टिफ्टंग ने दिल्ली में आयोजित किया था.
चर्चा में राज्यसभा सांसद और शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता अलका लांबा, समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी, राजद प्रवक्ता नवल किशोर और आप नेता संजय झा सहित विभिन्न दलों के कई अन्य राजनेता भी शामिल हुए.
सिंह ने कहा, ‘मुझे मर्द सभा दिखती है. संसद या राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है.’
उन्होंने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत के बजाय 48 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की बात कही. पैनल में शामिल लांबा भी सिंह की इस बात से सहमत थीं.
चतुर्वेदी ने कहा कि जहां एक तरफ महिलाएं अपने मताधिकार का प्रयोग करना जान गई हैं, तो वहीं उन्हें पर्याप्त टिकट नहीं दिए जाते हैं.
चतुर्वेदी ने कहा, ‘महिलाओं के पास आपस में लड़ने और एक-दूसरे में कमियां खोजने का समय नहीं है. हमें लैंगिक मुद्दों के लिए एक साथ आगे आने की जरूरत है.
आयोजन के दौरान, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को दी गई सीटों की संख्या के आंकड़ों पर भी चर्चा की गई.
‘मुझे फटी जींस पहनना भी पसंद है, नाइटक्लब जाना भी’
एक मुद्दा जो इस चर्चा में सभी सदस्यों के बीच गूंजता रहा, वह था राजनीति और निर्वाचन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के तरीके.
सिंह ने बताया कि कैसे माता-पिता अक्सर अपनी बेटियों के लिए राजनीति में करिअर पर चर्चा नहीं करते हैं. इस पर चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने युवा महिलाओं को राजनीति की दुनिया के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए छह महीने का फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया है. इसमें मौजूदा सांसदों और महिला नेताओं के साथ इंटर्नशिप भी शामिल है.
चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि महिलाएं ‘मूक मतदाता’ हैं और यही वजह है कि इतने सारे एग्जिट पोल गलत नंबर दिखाते हैं.
अलग-अलग राजनीतिक दलों से संबंधित होने के बावजूद, लांबा, चतुर्वेदी और सिंह ने राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर एक-दूसरे का समर्थन किया.
लांबा ने यह भी कहा कि उन्हें राज्यसभा सांसद चतुर्वेदी से ‘बड़ी उम्मीदें’ हैं. वह बदलाव लाने में सक्षम हैं. इस बीच सिंह ने चतुर्वेदी और लांबा दोनों को राजनीति के क्षेत्र में स्व-निर्मित महिला होने के लिए ‘अपना आदर्श’ बताया.
सिंह ने कहा की महिलाओं को राजनीति में अक्सर इस तरह की बातों का सामना करना पड़ता है कि वे किससे बात करती हैं, क्या पहनती हैं या कैसे व्यवहार करती हैं. हमें इसे रोकना होगा.
उन्होंने कहा, ‘मुझे फटी हुई जींस पहनना और नाइटक्लब जाना भी पसंद है. हमें महिलाओं को इस तरह से जज करना बंद करना होगा.’
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