नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव में नाबालिग के साथ बलात्कार और अपहरण के मामले में दोषी पाया है. इस मामले में अन्य आरोपी शशि सिंह को अदालत ने बेनिफिट ऑफ डाउट देते हुए मामले से बरी कर दिया है, इस मामले में सेंगर को अदालत सज़ा 19 दिसंबर को सुनाएगी. शशि सिंह को बरी किए जाने पर पीड़िता की बड़ी बहन नाराज़ हैं. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘ये क्या न्याय है? इस केस में पीड़िता को सेंगर तक पहुंचाने वाली शशि सिंह को छोड़ दिया गया है. वो एक खतरनाक औरत है. वही तो थी जो मेरी बहन को सेंगर के पास ले गई थी. जेल से बाहर आने के बाद वो हमें नहीं छोड़ेगी. उसका बड़ा बेटा नवीन सिंह भी हमसे बदला लेना चाहेगा.’
वो आगे जोड़ती हैं, ‘मैंने ये खबर टीवी पर सुनी है. मेरी बहन एक्सीडेंट के बाद बेहद कमजोर हो गई है. ज्यादा बात करने पर चक्कर आते हैं.’
बहन आगे कहती है,’अदालत ने उसे आज दोषी ठहराया लेकिन उसे सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए. हम चाहते हैं कि उसे भी मौत की सज़ा सुनाई जाए, तभी हमें लगेगा कि हमारे साथ न्याय किया गया है. उस व्यक्ति ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल यौन शोषण और एक नाबालिग पर अत्याचार करने के लिए किया. ऐसे व्यक्ति को मौत की सज़ा से कम कोई सज़ा नहीं दी जानी चाहिए.’
गौरतलब है कि कोर्ट ने बेनीफिट ऑफ डाउट देते हुए कुलदीप सिंह सेंगर की साथी शशि सिंह को छोड़ दिया है. इस मामले सज़ा को लेकर 19 दिसंबर को सुनाई जाएगी.
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पीड़िता का परिवार सोमवार को अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता है लेकिन अपने चाचा के केस को लेकर बात करते हैं. पीड़िता की बहन कहती हैं, ‘इस केस ने मेरे परिवार के तीन सदस्यों की जान ले ली है. हमारे वकील तक के साथ अन्याय हुआ. मेरे चाचा के केस की पैरवी के लिए जाते हैं तो शशि सिंह का बेटा धमकियां देता है कि वो हमें उल्टा लटका देगा. सबको खत्म कर देगा.’
साथ ही परिवार ने आरोप लगाया कि सेंगर ने झूठे मामले में पीड़िता के चाचा को दस साल की जेल करवाई है. उनका ये भी आरोप है कि उनके चाचा के केस को लेकर जज फाइल फेंक देता है.
फिलहाल परिवार दिल्ली में रह रहा है. परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथों में है. परिवार का कहना है कि दिल्ली में उन्हें सुरक्षित महसूस होता है वरना यूपी में उन्हें सेंगर के आदमियों से रोज ‘धमकियां’ मिलती थीं.
आखिरी में पीड़िता से पांच साल बड़ी बहन कहती हैं, मेरा रिश्ता तय हो चुका है लेकिन अगर मेरे चाचा बाहर नहीं आए तो मैं शादी नहीं करूंगी. हम हर रोज प्रताड़ित हो रहे हैं.’
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गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. ट्रांसफर होने के बाद 5 अगस्त से रोजाना इस मामले की सुनवाई हो रही थी.
पुलिस के मुताबिक, सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस दौरान हुए घटनाक्रमों के चलते पीड़ित एम्स में भर्ती है. वहीं पीड़िता के पिता, चाची और मौसी की एक-एक कर मौत हो चुकी है. कोर्ट ने कुलदीप सेंगर आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए गए थे.