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Sunday, 5 May, 2024
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जिंदगी की जंग हार गई उन्नाव बलात्कार पीड़िता, सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ा

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है.

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नई दिल्ली: आग के हवाले की गई उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने शुक्रवार देर रात यहां सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. यह जानकारी अस्पताल के सूत्रों ने दी.

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता ने कहा, ‘शनिवार सुबह 10 बजे फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. एमके वाही के नेतृत्व में पोस्टमार्टम (उन्नाव बलात्कार पीड़िता का) होगा.’

अस्पताल के ‘बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी’ विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ‘हमारे पूरे प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. शाम में उसकी हालत खराब होने लगी. रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा. हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई.’

उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए कहा कि मुक़दमे को त्वरित अदालत में चलाकर अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी.

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उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘बहरी’ एवं ‘असंवेदनशील’ है और बलात्कार पीड़िताओं की ‘चीखें’ उसे सुनाई नहीं देती.

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है. इसके बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी.

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को जिंदा जलाए जाने के बाद बलात्कार पीड़िता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी. दिल्ली यातायात पुलिस ने पीड़िता को हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था. उसे लखनऊ से दिल्ली एयर एम्बुलेंस के जरिए लाया गया था.

इससे पहले दिन में डॉ. कुमार ने कहा था कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.

उन्होंने बताया था कि पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा था, ‘हमने मरीज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया है. चिकित्सकों का एक दल उसकी हालत पर लगातार नजर रख रहा है.’

पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी. जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपी शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था. हालांकि, इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी.

पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया. बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे दिल्ली लाया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )

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