scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशसंयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के बयान पर कहा- बातचीत का रास्ता बंद करने का सवाल नहीं

संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के बयान पर कहा- बातचीत का रास्ता बंद करने का सवाल नहीं

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दिन में हुई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान सरकार द्वारा की गई पेशकश अभी भी बरकरार है और उससे बस सम्पर्क करके बातचीत की जा सकती है.

Text Size:

नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि सरकार के साथ बातचीत का रास्ता बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दिन में हुई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान सरकार द्वारा की गई पेशकश अभी भी बरकरार है और उससे बस सम्पर्क करके बातचीत की जा सकती है. इस बयान के बाद ही शाम को संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत का रास्ता बंद नहीं करने की बात कही है.

आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘सद्भावना दिवस’ मनाया और दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर पूरे दिन का उपवास रखा.

मोर्चा के नेता दर्शन पाल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘किसान अपनी निर्वाचित सरकार से बातचीत करने के लिए दिल्ली के दरवाजे तक चल कर आए हैं, इसलिए किसान संगठनों द्वारा सरकार से बातचीत का दरवाजा बंद किए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.’

किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी.

मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि यूनियनें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने की अपनी मांग जारी रखेंगी.

मोर्चा ने किसान आंदोलन को ‘कमजोर और बर्बाद करने’ के पुलिस के कथित प्रयासों की भी आलोचना की.

पाल ने एक बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमलों को बढ़ावा दे रही है. पुलिस और भाजपा के गुंड़ों द्वारा लगातार की जा हिंसा सरकार के भीतर के डर को दिखाती है.’

बयान में कहा गया है कि दिल्ली की सभी सीमाओं सहित पूरे देश में आज एक दिन का उपवास रखा गया. किसानों ने अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने की शपथ ली.

बयान के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में भी किसानों के उपवास करने की सूचना है. वहीं बिहार में मुजफ्फरपुर और नालंदा जिलों सहित अन्य जिलों में सद्भावना दिवस पर मानव श्रृंखला बनायी गई.

सरकार किसानों से कहे वह कानून वापस क्यों नहीं ले सकती, हम उसका सिर नहीं झुकने देंगे: टिकैत

भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताये कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और ‘हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे.’

ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा, ‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’

उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है. हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं. हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.’

टिकैत ने कहा, ‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.’

share & View comments