नई दिल्ली: किसान परेड को लेकर पुलिस की किसानों से झड़प पर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी किया है. मोर्चा ने जहां एक तरफ किसान परेड की तारीफ की है तो दूसरी तरफ परेड में हुई हिंसक गतिविधियों की निंदा की है. मोर्चा ने कहा है कि किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं. हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा करते हैं, जो आज घटित हुई हैं. ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोग हमारे सहयोगी नहीं हैं.
हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा रूट का उल्लंघन करने का निंदनीय कृत्य किया गया। असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा: संयुक्त किसान मोर्चा
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2021
मोर्चा की ओर से कहा गया है कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा रूट का उल्लंघन करने का निंदनीय कृत्य किया गया. असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा.
आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता परंतु इसके पीछे के कारण को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था। वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला: शरद पवार, NCP अध्यक्ष pic.twitter.com/c7aC41hs09
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2021
वहीं दूसरी तरफ एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता परंतु इसके पीछे के कारण को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था. वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला.
बता दें के किसान दिल्ली के बार्डर पर दो महीने से ज्यादा समय से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द कराना चाहते है लेकिन कई दौर की वार्ता सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बनी है.