scorecardresearch
Friday, 24 May, 2024
होमदेशJ-K के निवासियों के लिए जारी होगा यूनीक पहचान पत्र- विपक्ष ने जताया विरोध, BJP ने बताया फायदेमंद

J-K के निवासियों के लिए जारी होगा यूनीक पहचान पत्र- विपक्ष ने जताया विरोध, BJP ने बताया फायदेमंद

सरकार ने अपने निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि 'फेमिली आईडी' का मकसद योग्य लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना है.

Text Size:

श्रीनगर (जम्मू एंड कश्मीर): एक बड़े फैसले के तहत, जम्मू एंड कश्मीर सरकार ने यहां रहने वाले प्रत्येक परिवार को ‘विशिष्ट पहचान पत्र’ जारी करने का फैसला किया है.

सरकार ने अपने निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि ‘फेमिली आईडी’ का मकसद योग्य लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना है. आईटी विभाग की आयुक्त सचिव प्रेरणा पुरी के अनुसार, ‘डेटाबेस बनाने का उद्देश्य, जो हरियाणा के ‘परिवारपरिवार प्रकाश पत्र’ के बराबर होगा, इससे परिवारों या व्यक्तियों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी.’

उन्होंने कहा, ‘जेके फेमिली आईडी डेटाबेस का डेटा एक बार वेरीफाइड और अधिकृत होने के बाद लाभार्थियों सेवा को प्राप्त करने के लिए किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी.’

सामाजिक लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों के स्वचालित चयन के जरिए पात्रता निर्धारित करने के लिए परिवार डेटाबेस में उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल प्रशासन करेगा. डेटाबेस जम्मू और कश्मीर में हर परिवार की पहचान करेगा और परिवार की सहमति से डिजिटल रूप में प्रदान किए गए परिवार के बुनियादी डेटा को एकत्र करेगा.

डेटा प्रबंधन में डेटा सुरक्षा से संबंधित सभी लागू कानूनों और रेग्युलेशंस का पालन किया जाएगा.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

आयुक्त सचिव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को ‘खतरों को विफल करने और संवेदनशील और महत्वपूर्ण डेटा की रक्षा करने’ के लिए सूचना सुरक्षा नीति पर काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘यह एक उचित साइबर सुरक्षा ढांचे के निर्माण की भी परिकल्पना करता है.’

जहां इसको लेकर विपक्षी दलों ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने ‘इस कदम का स्वागत किया’ और कहा कि यह ‘फायदेमंद’ होगा.

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी देवेंद्र सिंह राणा, जो केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के भाई भी हैं, ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर प्रशासन प्रत्येक परिवार के सदस्य समेत केंद्र शासित प्रदेश में सभी परिवारों का एक प्रामाणिक डेटाबेस बनाने की योजना बना रहा है. परिवार के पास एक विशिष्ट कोड होगा. इसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक योजनाओं के पात्र लाभार्थियों तक पहुंच को आसान बनाना है.’

कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने सरकार पर सवाल उठाया, ‘इस तरह के डिजिटल डेटाबेस को साइबर हमलों से बचाने की मंशा और क्षमता पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार हर चीज पर गौर क्यों करना चाहती है?’

उन्होंने कहा, ‘उनके पास पहले से ही आधार के माध्यम से पर्याप्त डेटा है और प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से लाभ वितरित किया जा रहा है.’

नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने निर्णय को ‘संसाधनों का नॉन प्रोडक्टिव इस्तेमाल’ बताया.

दया ने कहा, ‘आधार की वजह से हर व्यक्ति का डेटाबेस मौजूद है. लिहाजा, दूसरा डेटाबेस बनाना प्रोडक्टिव नहीं होगा क्योंकि प्रशासन कर्मचारियों को डेटा एकत्र करने में व्यस्त रखता है जबकि लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हैं.’

उल्लेखनीय है कि रियासी जिले के कटरा में आयोजित ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस बनाने के लिए डिजिटल जम्मू का आह्वान किया था.

इस अवसर पर कश्मीर युद्ध दस्तावेज जारी किया गया. इसमें कहा गया कि प्रत्येक परिवार को एक यूनीक ‘जेके फैमिली आईडी’ प्रदान की जाएगी. कोड में अंग्रेजी वर्णमाला और संख्याएं शामिल होंगी. पारिवारिक डेटाबेस में दर्ज की गई जानकारी का इस्तेमाल सामाजिक लाभ के लिए किया जाएगा.

share & View comments